दरअसल, इसी साल जनवरी में सीएम भजनलाल शर्मा और मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव के बीच अहम बैठक हुई थी। इसके बाद केंद्र सरकार, राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार के बीच एमओयू साइन हुआ था। यह समझौता काफी समय से अटका हुआ था। इस प्रोजेक्ट को लेकर दोनों राज्यों (राजस्थान और मध्य प्रदेश) के बीच सहमति नहीं बन पाई थी, लेकिन जब राजस्थान में सीएम भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी तो इस प्रोजेक्ट ने रफ्तार पकड़ी।
प्रदेश के 13 जिलों को मिलेगा लाभ
इस परियोजना से पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लोगों को लाभ पहुंचेगा। इन जिलों को पेयजल और औद्योगिक जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इस परियोजना से करीब 2.82 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की संभावना है। इस योजना पर 40 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। योजना से लाभान्वित होने वाले जिलों में अलवर, दौसा, जयपुर, अजमेर, टोंक, सवाई माधोपुर, बूंदी, कोटा, बारां, झालावाड़, भरतपुर, धौलपुर और करौली शामिल हैं।
ERCP का पहला बांध बनकर तैयार, हुई टेस्टिंग
पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (पीकेसी-ईआरसीपी) के पहले बांध नौनेरा बनकर तैयार है। सितंबर में इस बांध की भराव क्षमता की टेस्टिंग की गई। 217 मीटर भराव क्षमता वाले इस बांध में 210 मीटर से अधिक जलभराव किया गया। इस दौरान बांध में जल भराव स्तर, डूब क्षेत्र सहित गेटों का परीक्षण किया गया। बांध में कुल 226 मिलियन घन मीटर पानी का संग्रहण किया जाएगा।