scriptकार्टेज के अभाव में सीबी नेट मशीनों से जांचें बंद | In the absence of cartridges, checks with CB net machines stopped | Patrika News
भीलवाड़ा

कार्टेज के अभाव में सीबी नेट मशीनों से जांचें बंद

जिले में है 2460 टीबी के मरीज

भीलवाड़ाJun 30, 2021 / 08:28 am

Suresh Jain

कार्टेज के अभाव में सीबी नेट मशीनों से जांचें बंद

कार्टेज के अभाव में सीबी नेट मशीनों से जांचें बंद

भीलवाड़ा।
भीलवाड़ा जिले में पिछले कुछ समय से टीबी यूनिटों में सीबी नेट मशीनों से मल्टी ड्रग रजिस्टेंट (एमडीआर) जांचें बंद है। मशीनों में उपयोग में आने वाले कार्टेज नहीं मिल पा रहे है। केंद्र सरकार से कार्टेज की सप्लाई नहीं मिलने से 3 सीबी नेट मशीनें नकारा साबित हो रही है। हर साल जिले में नए टीबी के मरीज आते हैं। इनकी जांच सीबी नेट मशीन से होती है। रिपोर्ट आने के बाद ही डॉक्टर मरीज का इलाज शुरू करते हैं। पिछले कुछ समय से सीबी नेट मशीनों से जांच नहीं होने से मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है। कार्टेज उपलब्ध नहीं होने से एमडीआर जांचें ठप है। एक मशीन की लागत करीब 20 लाख रुपए है।
चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कार्टेज की डिमांड भेज रखी है, लेकिन प्लाई नहीं दी जा रही है। इस वजह से जांचें प्रभावित हो रही है। भीलवाड़ा समेत प्रदेश के सभी जिलों में संचालित टीबी यूनिटों में सीबी नेट मशीनें कार्टेज के अभाव में बन्द पड़ी है। एक कार्टेज की कीमत से 2500 से 3000 रुपए है। इसकी खरीद केंद्र सरकार अपने स्तर पर ही करती है। सूत्रों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बाद पिछले कुछ माह से कार्टेज की सप्लाई ठप है। इस स्थिति में टीबी के संदिग्ध मरीजों की जांचें नहीं हो पा रही है। बाजार में इसकी जांच सुविधा नहीं होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि कुछ कार्टेज सुरक्षित रख रखे है ताकि किसी आपातकाल में उसके माध्यम से जांच की जा सके।
रिपोर्ट के आधार पर शुरू होता है इलाज
कोरोना काल के दौरान टीबी की जांचें नहीं होने से मरीजों की संख्या में गिरावट आई है। हालांकि जिले में कुल 2460मरीज जनवरी 2021 से अब तक सामने आए है। इनमें १७१६ सरकारी में तथा 744 मरीज निजी में उपचार ले रहे है। टीबी का पूरा इलाज उपलब्ध होने के बावजूद आंकड़ा बढ़ रहा है। टीबी विशेषज्ञों ने बताया कि टीबी के संदिग्ध मरीजों के नमूने लेकर प्रयोगशाला में जांच करवाई जाती है। सीबी नेट मशीन से नमूनों की जांच से पता चलता है कि मरीज को सामान्य टीबी है या गंभीर टीबी है। इसके आधार पर डॉक्टर मरीज का इलाज शुरू करते है। ये रिपोर्ट नमूना देने के महज दो से तीन घंटे में तैयार होती है। सीबी नेट मशीन से कफ, रीढ़ के पानी, बच्चेदानी की टीबी की जांच भी होती है। टीबी यूनिट में जांच निशुल्क होती है। जबकि निजी में चार से पांच हजार रुपए लगते है।
कार्टेज की कमी
भीलवाड़ा टीबी अस्पताल के पास सीबी नेट मशीन 2 भीलवाड़ा व 1 शाहपुरा में है। इसके अलावा दो अन्य मशीन जो मांडलगढ़ व आसीन्द में संचालित है। कार्टेज की कमी है। फिर भी हमने कुछ कार्टेज सुरक्षित रख रखे है। उनसे कभी-कभी जांच करते है।
डॉ. जीवी दिवाकर, प्रभारी टीबी अस्पताल

Hindi News / Bhilwara / कार्टेज के अभाव में सीबी नेट मशीनों से जांचें बंद

ट्रेंडिंग वीडियो