मुनि नेमिनाथ दिगंबर जैनेश्वरी दीक्षा के बाद प्रथम बार आहार को निकले पड़गाहन के समय बड़ी संख्या में श्रावक मौजूद थे। भगवान को आहार कराने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। आहारदान के बाद मंगलगान करते मुनि नेमिनाथ का विहार कराया। समवशरण में इंद्र इंद्राणियों, राजा रानी सहित श्रावसों ने भक्ति कर चंबर नृत्य से मंगल भावना प्रकट की। दोपहर में 140 प्रतिमाओं को सूरि मंत्र की प्रक्रिया मुनि आदित्य सागर ने पूरी की। मुनि ने कहा कि श्रावकों को कर्तव्य दान और पूजा करने तथा जीवन में कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने का मार्ग बताया।
46 दीपों से समवशरण की आरती
समिति अध्यक्ष राकेश पाटनी ने बताया कि शांतिधारा, पाद प्रक्षालन, शास्त्र भेंट आदि किए गए। विनोद कुमार, मंजू गोधा, जिनेन्द्र, सुनिता पाटनी, मान देवी, राजकुमार, सुमन बड़जात्या, मैना जैन, हिमांशु पाटनी व टीकमचन्द छाबड़ा आदि मौजूद थे। रूपेश जैन एवं पार्टी ने भजन पेश किए। मीडिया प्रभारी भागचन्द पाटनी ने बताया कि गुरुवार को मोक्ष कल्याणक दिवस मनाएंगे। सुबह 6.30 बजे से विभिन्न कार्यक्रम होंगे।