संभवतया यही कारण है कि शहर में जमीन के सौदे व रजिस्ट्री का काम सुस्त पड़ा है। ऐसे में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद प्रोपर्टी के पंजीयन का ग्राफ तेजी से लुढ़का है।
भीलवाड़ा पंजीयन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इसी अगस्त में 2915 दस्तावेज पेश हुए थे। इनमें 1790 की रजिस्ट्री हुई। विभाग को 6 करोड़ 28 लाख 06 हजार 134 रुपए की आय हुई, लेकिन अक्टूबर में रजिस्ट्रियों की संख्या में काफी कमी आ गई। अक्टूबर माह में पेश दस्तावेज की संख्या घटकर 2472 रह गई और रजिस्ट्री भी 1356 दस्तावेज की हुई। विभाग को राजस्व कम मिला। उसकी कमाई 5 करोड़ 98 लाख 09 हजार 651 रुपए रह गई।
जमीन से जुड़े बड़े सौदे रूके आदर्श आचार संहिता लागू होने समेत अन्य कारणों से जमीन से जुड़े बड़े सौदे रूके हुए है। इससे पंजीयन विभाग को चल व अचल संपत्तियों की रजिस्ट्री से होने वाली कमाई पर असर पड़ा है। दूसरी तरफ भीड़ से घिरे रहने वाले कुवाड़ा रोड िस्थत पंजीयन विभाग के प्रथम व द्वितीय कार्यालय में सन्नाटा पसरा है। नोटरी पब्लिक, टंकणकर्ता, फोटोग्राफर व फोटो स्टेट संचालक एवं प्रोपर्टी व्यवसायी भी आराम के मूड में नजर आ रहे हैं।
बड़े कारण, जिनका असर विभाग के अलावा प्रोपर्टी व्यवसायी भी रजिस्ट्री की संख्या में गिरावट के पीछे मुख्य कारण आचार संहिता लगना मान रहे हैं। वे मानते हैं कि श्राद्ध पक्ष व शाहपुरा के नया जिला बनने से भी असर आया है। उन्हें भी ग्राहक ढूंढ़ने में पसीने आ रहे हैं।
खरीद-फरोख्त अधिकांशत दो नंबर में प्रोपर्टी एक्सपर्ट बताते है कि ये खरीद-फरोख्त अधिकांशतया दो नंबर में अधिक होती है। इस समय आचार संहिता लागू है। चुनावी दस्तों केे साथ आयकर विभाग की भी नजर ऐसे लेनदेन पर है। इसलिए भी जमीन की खरीद इन दिनों कम ही रहने की वजह है। वहीं कुछ कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी भी लग रही है।
सब रजिस्ट्रार एवं तहसीलदार दिनेश यादव गत एक माह में रजिस्ट्रियों की संख्या में कमी आई है। इससे राजस्व आय भी प्रभावित हुई है। साथ ही बेनामे भी कम हुए हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं।