भीलवाड़ा एसीबी ने माना था घोटाला
भीलवाड़ा डेयरी में कनिष्ठ प्रबंधक रहते समय कुट्टी मशीन खरीदने में अनियमितता सामने आई थी। मामले को राजस्थान पत्रिका ने उजागर किया था। इसके बाद इसकी शिकायत एसीबी को की। एसीबी ने भी माना था कि मामला घोटाले की श्रेणी में आता है। 32 हजार रुपए की मशीन खरीदी थी, जिसकी बाजार में कीमत 10 हजार रुपए थी।
एसीबी में मामला दर्ज
एसीबी ने भीलवाड़ा डेयरी की खरीदी कुट्टी मशीन में अनियमितताओं को लेकर मामला दर्ज किया था। ब्यूरो ने डेयरी के पूर्व निदेशक एमपी चौधरी, उप प्रबंधक नंदकुमार जोशी, तत्कालीन कनिष्ठ प्रबंधक सुरेश कुमार सेन, सावरिया चक्की उद्योग के प्रोपराइटर व सुरेश सेन के भाई कैलाश सेन के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मामला विचाराधीन है।
चित्तौड़ डेयरी में भी लगे हते आरोप
सेन पर चित्तौड़गढ़ में दूध चोरी करने वाली ब्लैक लिस्टेड फर्म को वापस टेंडर देने के भी आरोप थे। सेन ने जिस फर्म को दूध चोरी करने के आरोप में ब्लैक लिस्ट किया। उसी को टोंक में फिर दूध परिवहन का ठेका दे दिया। चित्तौड़गढ़ में श्रमिक आपूर्ति ठेके का कमीशन 4 से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने और पशु स्वास्थ्य मित्रों को हटाने पर कई तरह के आरोप लगे थे। आरोप ये भी था कि भीलवाड़ा में खुद के भाई को अधिक कीमत पर चारा काटने वाली कुट्टी मशीन का ठेका दिया।
सेन का मुख्यालय अब आरसीडीएफ किया
आरसीडीएफ के महाप्रबंधक वर्मा ने आदेश में स्पष्ट नहीं किया है कि सेन के खिलाफ कहां की जांच मामले में निलंबन आदेश दिए हैं। चित्तौड़ डेयरी एमडी रहते सेन सुर्खियों में रहे और डेयरी चेयरमैन बद्रीलाल जाट से अनबन रही। चैयरमेन ने उनके साथ मारपीट का भी राशमी थाने में मुकदमा दर्ज कराया। बद्रीलाल ने उन पर कई आरोप लगाए थे। उधर, सुरेश सेन का कहना है कि उन्हें किस मामले में निलंबित किया, यह जानकारी में नहीं है। भीलवाड़ा में कुट्टी मशीन का कोई मामला विचाराधीन है, इसकी भी उन्हें जानकारी नहीं है।