बुजुर्गों ने किया डांस गीत और नृत्य की महफिल भी सजी, जिसमें बुजुर्गों की ऊर्जा देखते ही बनी। मदन खटोड़ व महिला प्रमुख वीणा खटोड़ ने मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे राम आएंगे…गीत पर डांस किया तो अन्य बुजुर्ग भी उनके साथ ठुमके लगाने लगे। विभिन्न प्रतियोगिता में बॉल पास गेम, ग्रुप स्लोगन गेम, दौड़, हसंना, ठहाके लगाना शामिल थे। महिलाओं ने ग्रुप फोटो खिंचवाए तो किसी ने सेल्फी ली।
पत्रिका के बिना सब अधूरा मंच अध्यक्ष मदन खटोड़ ने राजस्थान पत्रिका का धन्यवाद देते हुए कहा कि रोजाना सुबह चाय की चुस्की के साथ पत्रिका को पढ़ना एक तरह से अनिवार्य है। बिना पत्रिका के कुछ अधूरा सा लगता है। पत्रिका के साइबर क्राइम अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इससे वरिष्ठ जनों को फायदा हुआ है।
बुजुर्ग है तो दुनिया आबाद है संयुक्त महासचिव कैलाश चंद्र सोमानी ने कहा कि बुजुर्ग हैं तो बच्चों की कहानियां गुलजार हैं। दुआओं की दुनिया आबाद है। रिश्तों की अहमियत बरकरार है। अनुभव का खजाना, स्नेह का नजराना। कंपकपाती अंगुलियों से बरसा आशीर्वाद ऊर्जा का संचार करता है। उनसे संवाद तजुर्बे की नई दुनिया से जोड़ता है।
खेलकूद में ये रहे विजेता बॉल पास गेम में गुणमाला अग्रवाल प्रथम व अनिल ओझा द्वितीय रहे। लक्की नंबर में एकमात्र पुरस्कार गोपाल जागेटिया को मिला। ग्रुप स्लोगन गेम में दस सदस्यों को पुरस्कार प्रदान किया। इस ग्रुप का स्लोगन मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे था। विजेताओं में अशोक छाबड़ा, प्रमोद जैन, राजकुमार अजमेरा, ईश्वर प्रसाद विजयवर्गीय, दिनेश भट्ट, राकेश सक्सेना, राजेश पारीख,रमेश जवेरी, राजकुमार जैन तथा गीता मूंदड़ा थे। सभी विजेताओं को अध्यक्ष मदन खटोड़, महासचिव कृष्ण गोपाल सोमानी, कोषाध्यक्ष मूलचंद बाफना ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
इनका रहा सहयोग कार्यक्रम में कैलाश पुरोहित, ओम प्रकाश लड्ढा, गोविंद प्रसाद लड्ढा, अरुण आचार्य, उमाशंकर शर्मा, बसंती लाल मूंदड़ा, महेश खंडेलवाल, प्रमोद तोषनीवाल, डॉ केसी पंवार, कृष्ण गोपाल लड्ढा, बाबू लाल बाहेती, रमेश चंद्र मंगल, साधना खंडेलवाल, भेरूदन करवा, योगेंद्र कुमार सक्सेना, द्वारका प्रसाद अग्रवाल, विनोद खटोड़, दिलीप अग्रवाल, रमा पुरोहित, उर्मिल खटोड़, अलका जैन, कौशल्या मालू, सुरेश आगल, वीणा खरबन्दा, केसर पंवार, विमला सोमानी, मंजुलता भट्ट, भगवती तिवाडी, कला लड्ढा, सरोज अग्रवाल, आशा न्याति का सहयोग रहा।