पटेलनगर क्षेत्र के लोगों का कहना है कि कई दिन से मेजा नहर का पानी खाली भूखंडों में आ रहा है। इसकी शिकायत जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से की, लेकिन उन्होंने नहर से निकल रहा पानी रोकने को कोई उपाय नहीं किए हैं। इसके चलते करोड़ों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है।
मेजा फीडर नहर हो या मेजा नहर इनके रखरखाव पर अब तक विभाग ने 25 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। उसके बाद भी बांध में न पानी आता है और ना सिचाई के लिए छोड़ा जाने वाला पानी टेल तक पहुंचता है। मेजा नहर में जगह-जगह इतने सुराग हैं कि पानी बाहर सड़क या भूखंडों पर जा रहा है।
जगह-जगह रिसाव पत्रिका टीम ने बापूनगर, पटेलनगर समेत अन्य क्षेत्र का जायजा लिया। इसमें सामने आया कि जगह-जगह पानी बह रहा है। पटेल नगर में जगह-जगह रिसाव से पानी चारों तरफ फैल रहा है। इसके अलावा निगरानी नहीं होने से कई जगह किसान नहर तोड़कर खेतों में सिंचाई के लिए पानी चुरा रहे हैं। जल संसाधन विभाग के अधिकारी मानते हैं कि पानी खेतों तक नहीं पहुंच रहा है।
न्यास ने नहीं डाला पाइप पटेल नगर में सड़क को तोड़ने के पीछे जस संसाधन विभाग के अधिकारी का कहना है कि पटेलनगर में जहां लोगों ने सड़कतोड़ा है वहां पर छोटी नहर थी, लेकिन नगर विकास न्यास ने सड़क बनाते समय उसे बंद कर दिया। यहां न्यास को पाइप डालना चाहिए था। इसे लेकर न्यास को एक पत्र भी लिखा है।