आदेश के अनुसार जिले में पहली से 8वीं तक छात्र-छात्राएं 2,20,250 तथा कक्षा 9 से 12वीं तक केवल छात्राएं 54,116 हैं। कुल 2 लाख 74 हजार 366 विद्यार्थियों को 800-800 रुपए के आधार पर विभाग को कुल 21 करोड़ 94 लाख 92 हजार 800 रुपए मिलेंगे।
पिछले साल भी यही हाल था
पिछले शिक्षा सत्र में आठवीं तक के विद्यार्थियों को निशुल्क यूनिफॉर्म की योजना का यही हाल था। कांग्रेस सरकार ने समय पर बजट नहीं दिया। चुनाव से पहले यूनिफॉर्म का कपड़ा दिया। सिलाई के 200 रुपए के बजट के लिए इंतजार करना पड़ा। प्रदेश के कई छात्रों को अभी तक सिलाई के 200 रुपए नहीं मिले हैं। इसके लिए हाल में आदेश जारी कर शेष छात्रों के खातों में 200-200 जमा कराने को कहा है।
शर्तों में अटकी निविदा
स्कूल शिक्षा परिषद ने निशुल्क यूनिफॉर्म खरीद के लिए निविदाएं आमंत्रित की थी। इसमें दस कंपनियों ने हिस्सा लिया। निविदा खोली गई। दर भी तय की। सरकार की ओर से वर्क ऑर्डर जारी करने से पहले उद्यमियों ने बकाया राशि का जिक्र किया। इसके चलते मामला खटाई में पड़ गया। ऐसे में बच्चों को इस साल स्कूल ड्रेस का वितरण नहीं हो पाएगा।
12वीं तक की छात्राओं को मिलेंगी राशि
शिक्षा निदेशक सीताराम जाट के आदेश में कहा गया कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के छात्र-छात्राएं विद्यालय में हीनभावना से ग्रस्त नहीं हों तथा स्कूल बैग, किताबें तथा यूनिफॉर्म मिले। इस लिहाज से आठवीं तक के विद्यार्थियों और 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं को 800 रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। प्रति विद्यार्थी 800 रुपए राशि डीबीटी सुनिश्चित कराई जाए। जिला शिक्षा अधिकारी योगेश पारीक ने बताया कि शिक्षा निदेशक के निर्देशानुसार छात्रों को 800-800 रुपए की राशि दी जाएगी।
जिले में विद्यार्थियों की स्थिति
कक्षा विद्यार्थी