सुबह से रात तक पानी के लिए मशक्कत
कॉलोनीवासी भुवनेश धाकड़ ने बताया कि लोगों को सुबह से रात तक पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। शहर से पानी लाकर काम चलाना पड़ रहा है। कॉलोनी क्षेत्र में लगे हैंडपंप व कुओं का खारा पानी है। कॉलोनी में दो हैंडपंप खराब पड़े हैं।
कॉलोनीवासी रवि पालीवाल का कहना है कि यहां के लोग वोङ्क्षटग भी नहीं करते हैं। यहां नगर परिषद का कोई वार्ड नहीं है। नालियां एवं सफाई की व्यवस्था तो भगवान भरोसे है। यूआईटी जाते हैं तो कहते है ग्राम पंचायत आटूण में जाओ। आखिर जाएं तो कहां। इसके अभाव में लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है।
सड़कों पर आए दिन हो रहे हादसे
प्रेमशंकर योगी ने बताया कि कॉलोनी की सड़कें क्षतिग्रस्त है। इन पर पैदल चलना भी मुश्किल है। आए दिन लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं। कॉलोनी बसी उस समय सड़क बनी थी। इसके बाद इस सड़क की कभी मरम्मत भी नहीं हुई।
दो थानों में बंटी कॉलोनी
एडवाकेट धीरेंद्र सिंह पंवार का कहना है कि कॉलोनी दो थाना क्षेत्रों में बंटी है। कोई भी वारदात होने पर प्रतापनगर वाले पुर थाने में भेजते हैं तो पुर थाने वाले प्रतापनगर थाने में भेजते हैं। रात में पुलिस की गश्त नहीं होने से समाजकंटकों के हौसले बुलंद हैं।
बारिश में बंद हो जाता है कॉलोनी में पहुंचना
कॉलोनीवासियों का कहना है कि शहर से कॉलोनी में पहुंचने वाली सड़क की हालत खस्ता है। सबसे ज्यादा परेशानी तो बारिश के मौसम में आती है जब कॉलोनी में पहुंचने का मार्ग बंद हो जाता है। नाले के पास व पुलिया के पास जगह-जगह से सड़क कट गई। यह सड़क वाहन चालकों के लिए खतरा बनी है। आए दिन लोग यहां नाले में गिरकर चोटिल हो रहे हैं।