सीसीटीएनएस प्रभारी डॉ. संकल्प राय ने बताया कि एक
महिला प्रोफेसर अपनी शिकायत लेकर दफ्तर में आई। उन्होंने बताया कि मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का 16 हजार रुपए वार्षिक प्लान लिया है। 17 अक्टूबर को पहली बार एक अनजान व्यक्ति जिसने अपना नाम आदर्श अग्रवाल बताया था, उसने कॉल किया। उसने खुद को कंपनी का अधिकारी बताया और कहा कि आपकी पॉलिसी का 40 फीसदी कमीशन एजेंट को जाएगा और इसका सॉल्यूशन बताते हुए कहा कि खुद को एजेंट बनना होगा। एजेंट बनने के लिए कोड जनरेट करना होगा। कोड तब जनरेट होगा, जब दूसरी पॉलिसी लेंगी।
आखिर पॉलिसी की डिटेल ठग के पास कैसे पहुंची
महिला प्रोफेसर ने बताया कि
ठग के पास उनके पॉलिसी का पूरा डिटेल था। इस वजह से उस पर भरोसा कर लिया और कोड जनरेट करने के लिए 41 हजार 300 रुपए की पॉलिसी कराई। तब ठग ने बोला कि आप खुद एजेंट बन गई हैं, इसलिए 40 प्रतिशत कमीशन उन्हीं को मिलेगा।
दूसरी बार 35 हजार रुपए ठगी
महिला प्रोफेसर ने बताया कि एक महीने इंतजार के बाद पॉलिसी के दस्तावेज नहीं मिले। तब गूगल में कंपनी का कस्टमर केयर नंबर पर बात की। तो मुकेश कुमार ने फोन उठाया और आदर्श अग्रवाल के किसी भी व्यक्ति के वहां काम नहीं करने की बात कही। जिसके बाद उसने भी कोड लेने की बात की और महिला प्रोफेसर ने फिर 35 हजार की पॉलिसी ली। उसने 15 दिनों में पॉलिसी के दस्तावेज भिजवा दिए। उसने बताया कि 15 दिन बाद कोर्ड जनरेट होगा। इसके बाद खुद एजेंट बन जाएंगी। पर ऐसा हुआ नहीं, तब साइबर ठगी का अहसास हुआ।