साही को ईडी, पीएंडए, पवन कुमार की मौजूदगी में केज में छोड़ा गया। इस मौके पर सीजीएम जेवाई सपकाले, विजय शर्मा, जीएम प्रभारी टीएसडी, जीएम मैत्रीबाग प्रभारी डॉक्टर एनके जैन, पीपी रॉय, आरिफ खान, राजेश शर्मा, ललित कुमार, नरसैया, योगेश चंद्राकर, डॉ. सिमाम पशु चिकित्सा अधिकारी जंगल सफारी रायपुर मौजूद थे।
मैत्रीबाग प्रबंधन ने 2014 में लखनऊ जू को एक वाइट टाइगर दिया। एक्सचेंज में मगरमच्छ दो पेयर, स्वाम डियर 10 पेयर, हॉग डियर 3 पेयर, बार्किंग डियर 2 पेयर, कोकाटिल बर्ड 20 पेयर लेकर आना था। अब तक नहीं आया। उदयपुर राजस्थान से चौसिंगा 2 पेयर, तमिलनाडु जू से शुतुरमुर्ग 2 पेयर आना है।
एक वाइट टाइगर इंदौर जू को देने के बदले मैत्रीबाग जू को तोते की एक जोड़ी, मोर का एक जोड़ा, एक जोड़ी कछुए की और एक जोड़ी सियार लाना था। इस तरह से एक वाइट टाइगर के बदले मैत्रीबाग जू को 8 वन्य प्राणी मिलना था। मैत्रीबाग से टीम समय पर लाने नहीं गई। अब वह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। यही वजह है कि वर्तमान में मैत्रीबाग प्रबंधन दूसरे जू से पहले वन्य प्राणी ला रहा है, इसके बाद एक्सचेंज में अन्य वन्य प्राणी दे रहा है।
2008 में राऊरकेला को दो पेयर पेलिकान दिए, एक्सचेंज में भालू व काला मुंह का मंकी लाए
2009 में 2 लॉयन बोकारो जू को दिए, एक्सचेंज में दो जोड़ा नील गाय, काला हिरण, ईमू बर्ड लाए
2009 में बिलासपुर कानन पेंडांरी को 4 सांभर दिया, एक्सचेंज में भालू लाए
2010 में नागपुर जू को 5 सांभर दिए, एक्सचेंज में एक जोड़ा तेंदुआ लेकर आए,
2010 में जमशेदपुर जू को 2 रोजी पेलिकान दिए, एक्सचेंज में एक जोड़ा गोल्डन पिजेंट लेकर आए
2011 में रायपुर के नंदन वन जू को 6 सांभर दिए, एक्सचेंज में पीकॉक, कॉकाटील लाए
2011 में तिरुपति जू को एक जोड़ा रोजी पेलिकान दिए, एक्सचेंज में हाइना, भालू, ग्रे पेलिकान लाए
2012 में जमशेदपुर जू को 1 पेयर रोजी पेलिकान दिया, एक्सचेंज में एक जोड़ा ईमू बर्ड लाए
2012 में बोकारो जू को एक जोड़ दिए वाइट टाइगर 2012 में शोलापुर जू को 5 नग सांभर दिया
2014 में राजकोट जू को 1 पेयर वाइट टाइगर दिए, एक्सचेंज में एक पेयर लॉयन लाए
2014 को लखनऊ जू को एक वाइट टाइगर दिए, एक्सचेंज में मगरमच्छ दो पेयर, स्वाम डियर 10 पेयर, हॉग डियर 3 पेयर, बार्किंग डियर 2 पेयर, कोकाटिल बर्ड 20 पेयर, आना है, अब तक नहीं आया है, 2015 को रीवा जू को वाइट टाइगर दिए।