अगले कुछ दिन भारी बारिश का मुख्य क्षेत्र दक्षिण छत्तीसगढ़ में रहने की संभावना है। इसके प्रभाव से मध्य छत्तीसगढ़ का रायपुर और दुर्ग संभाग भी प्रभावित हो सकता है। सोमवार को दिनभर ठंडी हवाओं ने तापमान में भी गिरावट लाई है। अधिकतम तापमान रविवार को 33.6 डिग्री था, जो सोमवार को घटकर 30.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।
(Monsoon2024) एक दिन में तीन डिग्री की गिरावट आई, वहीं औसत तापमान में दिन का पारा 1.1 डिग्री की कमी पर रिकॉर्ड हुआ। न्यूनतम तापमान भी 1 डिग्री गिरावट के बाद 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
Monsoon2024:मौसम का मिजाज बदलने से लोगों को उमस से बड़ी राहत मिली
अचानक मौसम में आ रहे बदलावों की वजह से अस्पतालों में मरीजों की भीड़ में दोगुना इजाफा हो रहा है। अचानक कभी तेज धूप खिल रही है तो इसके बाद शाम को बादलों के साथ हल्की बारिश होने लगती है।
(Monsoon2024) इससे संक्रमण का खतरा बड़ गया है। सर्दी, जुकाम, बुखार के मरीज लगातार अस्पतालों की ओपीडी पहुंच रहे हैं। खासकर बच्चों के लिए यह मौसम सबसे ज्यादा नुकसानदायक साबित हो रहा है। मौसम की करवट से उनको वायरल प्रभावित कर रहा है।
Monsoon2024: बंगाल की खाड़ी में बना अबदाब
मौसम विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने बताया कि, प्रदेश के चार जिलों में अच्छी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसी के तहत बलरामपुर में 150 मिलीमीटर और सूरजपुर में 74.8 मिलीमीटर बारिश हुई है। मंगलवार को वर्षा का ऐसा ही आंकड़ा अन्य जिलों में भी दिखने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी में एक स्ट्रॉन्ग सिस्टम बना हुआ है। छत्तीसगढ़ के उतरी इलाके की ओर बढ़ रहा है। इसके असर से छत्तीसगढ़ में भारी बारिश हो सकती है। आने वाले कुछ दिनों तक प्रदेश के कई इलाकों में बारिश संभावित है।
Monsoon2024:मर्जी से नहीं लें एंटीबैटिक
शहर और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों के अस्पतालों में इन दिनों तेज बुखार, सर्दी और खांसी यानी वायरल के मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। ओपीडी में सर्वाधिक मरीज वायरल के ही पहुंच रहे हैं। शासकीय अस्पतालों में भी यही हाल है। डॉक्टरों का कहना है कि तेज बुखार आने पर मरीजों को अस्पताल जाना चाहिए। मेडिकल स्टोर्स से कोई भी एंटीबैटिक दवा का सेवन बिल्कुल भी नहीं करें। वायरल के इस नए पैटर्न को देखकर ही डॉक्टर जरूरत पड़ने पर एंटीबैटिक देंगे। इसका डोज तय करेंगे। इसके अलावा यदि गंभीर हो रही है तो डेंगू की जांच करवाना ही सबसे सुरक्षित रास्ता है। इसे सिर्फ बुखार समझकर टालना गलत साबित हो सकता है।