शीला ने 5 साल पूर्व 80 महिलाओं को नि :शुल्क सेनेटरी पैड बांटने की छोटी सी शुरुआत की। तब से वे नियमित हर माह सेक्टर- 5 भिलाई की स्लम बस्ती की महिलाओं को सौ से सवा सौ तक सेनेटरी नैपकिन नि:शुल्क बांटती आ रही हैं। वे सेनेटरी नैपकिन का उपयोग करने के तरीके से लेकर इसके उचित निष्पादन की जानकारी उन्हें देती हैं। बस्ती की महिलाएं बताती हैं कि शीला दीदी द्वारा दिए जाने वाले सेनेटरी नैपकिन के उपयोग से उन्हें बहुत फायदा हुआ है। पहले कई तरह की दिक्कतें झेलनी पड़ती थी।
महिलाओं के लिए सबसे जरूरी चीज सेनेटरी पैड शासन द्वारा नि :शुल्क उपलब्ध कराए जाने को लेकर शीला लगातार आवाज उठा रही है। उनका कहना है की स्वच्छता के नाम पर सरकार बड़ा अभियान चला रही है और उसके लिए करोड़ों का बजट है। महिलाओं के लिए सबसे जरूरी सेनेटरी नैपकिन नि:शुल्क उपलब्ध कराने के लिए बजट उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। वे कहती है कि कायदे से तो पूरे भारत की महिलाओं के लिए निशुल्क सेनेटरी पैड की व्यवस्था होनी चाहिए। क्योंकि कई गरीब परिवार की महिलाएं इसे नहीं खरीद पाती है। पैड की जगह कपड़े उपयोग करने वाली महिलाएं इसे छुपाकर सुखाती है। जिसकी वजह से बैक्टीरिया नष्ट नहीं हो पाती है। वे कई बार इन कपड़ों को उपयोग करती है जिसकी वजह से बैक्टीरिया के कारण ऐसी महिलाएं गंभीर बीमारी की शिकार हो जाती हैं।
डॉ. अर्चना चौहान ,स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बताया कि सेनेटरी नैपकिन का उपयोग महिलाओं को संक्रमण से बचाती हैं। महिलाएं कपड़े का उपयोग न करें। यह हाईजेनिक नहीं होती। प्रजनन अंगों में संक्रमण का खतरा रहता है। एक ही कपड़े को बार-बार उपयोग करने से यह खतरा और बढ़ जाता है। सेनेटरी नैपकिन ही सुरक्षित है। अच्छी बात है कि महिलाएं अब समझ रही है।
अनिला भेडिय़ा, मंत्री महिला एंव बाल विकास मंत्री छग शासन ने कहा कि मेरे संज्ञान में यह समस्या है। इसके लिए पहल की जाएगी। बहनों को यह आसानी से कैसे उपलब्ध हो इस पर विचार किया जा रहा है।