scriptबड़ी लापरवाही, शुरुआती लक्षण को किया सेक्टर 9 अस्पताल ने नजरअंदाज, स्वाइन फ्लू से रिटायर्ड BSP कर्मी की मौत | Swine flu death in Bhilai, Swine infection in CG | Patrika News
भिलाई

बड़ी लापरवाही, शुरुआती लक्षण को किया सेक्टर 9 अस्पताल ने नजरअंदाज, स्वाइन फ्लू से रिटायर्ड BSP कर्मी की मौत

शहर में स्वाइन फ्लू से एक और मौत हो गई। सेक्टर-2 के सड़क 13 निवासी रिटायर्ड बीएसपी कर्मचारी चंद्रकांत मुने (69 वर्ष) को सप्ताहभर पहले रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल में दाखिल कराया गया था।

भिलाईMar 10, 2019 / 03:48 pm

Dakshi Sahu

patrika

बड़ी लापरवाही, शुरुआती लक्षण को किया सेक्टर 9 अस्पताल ने नजरअंदाज, स्वाइन फ्लू से रिटायर्ड BSP कर्मी की मौत

भिलाई. शहर में स्वाइन फ्लू से एक और मौत हो गई। सेक्टर-2 के सड़क 13 निवासी रिटायर्ड बीएसपी कर्मचारी चंद्रकांत मुने (69 वर्ष) को सप्ताहभर पहले रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल में दाखिल कराया गया था। जहां शुक्रवार की रात को उनकी मौत हो गई। परिजन का आरोप है कि सेक्टर-9 अस्पताल में सही इलाज नहीं की वजह से उनकी हालत बिगड़ी थी।
चंद्रकांत मुने को हिप ज्वाइंट फ्रेक्चर के ऑपरेशन के लिए 16 फरवरी को सेक्टर-9 अस्ताल में भर्ती किया गया था। जिसके बाद उन्हें 18 फरवरी को बुखार आया और हॉस्पिटल में बुखार, सर्दी-खांसी का इलाज किया गया। इसी बीच 22 फरवरी को उन्हें ऑपरेशन थिएटर से बिना ऑपरेशन के लौटा दिया गया। तभी चेस्ट इंफेक्शन की बात सामने आई और स्वाइन फ्लू का सैंपल लिया गया।
कर दिया रेफर
मरीज की हालत बिगड़ती देेख अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें स्वाइन फ्लू का संदेही बताकर कहा कि आइसीयू में जगह नहीं है। इसलिए उन्हें रायपुर भेज दिया गया। जब परिजन रायपुर पहुंचे तो वहां अस्पताल में सेक्टर-9 अस्पताल से रिपोर्ट आई तो पता चला कि उन्हें स्वाइन फ्लू पॉजीटिव था। वहां इलाज शुरू हुआ पर 19 दिन बाद उनकी मौत हो गई। जिले में स्वाइन फ्लू से यह चौथी मौत है।
प्रबंधन की लापरवाही
चंद्रकांत मुने 23 फरवरी से रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल भर्ती थे। जहां उन्हें 15 दिन से वेंटिलेटर पर रखा गया था। परिजनों ने कहा कि सेक्टर-9 अस्पताल प्रबंधन ने जो लापरवाही की, उसी की वजह से मरीज की हालत बिगड़ी। अगर शुरुआती लक्षण पहचान कर इलाज करते तो उनकी जान नहीं जाती।
बुखार और सर्दी का किया इलाज
मुने की पत्नी मीना मुने ने बताया कि गिरने की वजह से उनके पति के हिप ज्वाइंट में फैक्चर था। जिसका इलाज डॉ लाल के पास चल रहा था। इसी बीच उन्हें ऑपरेशन की तारीख मिली और 16 फरवरी को दाखिल करने कहा गया। अस्पताल जाने से पहले उनके पति को कुछ भी नहीं था। अस्पताल जाने के बाद ही उन्हें बुखार आया। तब उन्हें केवल पैरासिटेमोल और नेबोलाइलज से ही इलाज किया गया।
मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया कि आर्थो वार्ड में ना तो कोई मेडिसीन से डॉक्टर चेकअप के लिए आते थे और न चेस्ट वार्ड से। जब उन्हें बताया गया कि उन्हें चेस्ट में इंफेक्शन है तो उन्होंने खुद फोन लगातर डॉक्टर से संपर्क किया। उस वक्त भी किसी ने लक्षण पर ध्यान नहीं दिया। जब चेस्ट इंफेक्शन में निमोनिया बताया गया तब कहीं जाकर स्वाइन फ्लू का सेेंपल लिया गया। उन्होंने कहा कि अस्पताल से उन्हें रायपुर जाने के लिए रेफर लेटर भी नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि अस्पताल में यह हाल है कि बुखार नापने तक के लिए वहां के लोग घर से थर्मामीटर मंगा रहे थे।
जो भी है पीआरओ को बताएंगे
जब इस संबंध में सेक्टर-9 अस्पताल के निदेशक प्रभारी चिकित्सा एवंस्वास्थ्य सेवाएं डॉ. एसके इस्सर से बात की तो उन्होंने इस मामले में संबंधित विभाग से जानकारी लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि जानकारी लेने के बाद उन्हें जो भी कहना है वे जनसंपर्क विभाग के जरिए कहेंगे।

Hindi News / Bhilai / बड़ी लापरवाही, शुरुआती लक्षण को किया सेक्टर 9 अस्पताल ने नजरअंदाज, स्वाइन फ्लू से रिटायर्ड BSP कर्मी की मौत

ट्रेंडिंग वीडियो