मरीज की हालत बिगड़ती देेख अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें स्वाइन फ्लू का संदेही बताकर कहा कि आइसीयू में जगह नहीं है। इसलिए उन्हें रायपुर भेज दिया गया। जब परिजन रायपुर पहुंचे तो वहां अस्पताल में सेक्टर-9 अस्पताल से रिपोर्ट आई तो पता चला कि उन्हें स्वाइन फ्लू पॉजीटिव था। वहां इलाज शुरू हुआ पर 19 दिन बाद उनकी मौत हो गई। जिले में स्वाइन फ्लू से यह चौथी मौत है।
चंद्रकांत मुने 23 फरवरी से रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल भर्ती थे। जहां उन्हें 15 दिन से वेंटिलेटर पर रखा गया था। परिजनों ने कहा कि सेक्टर-9 अस्पताल प्रबंधन ने जो लापरवाही की, उसी की वजह से मरीज की हालत बिगड़ी। अगर शुरुआती लक्षण पहचान कर इलाज करते तो उनकी जान नहीं जाती।
मुने की पत्नी मीना मुने ने बताया कि गिरने की वजह से उनके पति के हिप ज्वाइंट में फैक्चर था। जिसका इलाज डॉ लाल के पास चल रहा था। इसी बीच उन्हें ऑपरेशन की तारीख मिली और 16 फरवरी को दाखिल करने कहा गया। अस्पताल जाने से पहले उनके पति को कुछ भी नहीं था। अस्पताल जाने के बाद ही उन्हें बुखार आया। तब उन्हें केवल पैरासिटेमोल और नेबोलाइलज से ही इलाज किया गया।
जब इस संबंध में सेक्टर-9 अस्पताल के निदेशक प्रभारी चिकित्सा एवंस्वास्थ्य सेवाएं डॉ. एसके इस्सर से बात की तो उन्होंने इस मामले में संबंधित विभाग से जानकारी लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि जानकारी लेने के बाद उन्हें जो भी कहना है वे जनसंपर्क विभाग के जरिए कहेंगे।