विचारों से ही मानव की पहचान होती है। विचारों के अनुसार ही व्यक्तित्व एवं कृतित्व निर्मित होता है। विचार हमारे कुल, परंपराओं और संस्कृति के घोतक होते हैं। व्यक्ति विचारों से ही उठता है, विचारों से ही गिरता है। विचारों से ही विकास होता है, विचारों से ही ह्रास होता है।विचारशील मानव का भोजन शुद्ध-शाकाहार ही होता है। शुद्ध भोजन ही शुद्ध विचारों को जन्म देता है। वर्तमान के पवित्र विचार भविष्य में सुख-शांति आनंद के आधार पर बनते हैं। जैसा बीज होता है, वैसा ही फल लगता है। जैसी मति होगी, वैसी गति होगी। सद्गति चाहिए तो सद् विचार करो।
आचार्यश्री विशुद्ध सागर से आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे लोग
नसिया तीर्थ में आचार्य श्रीविशुद्ध सागर महाराज के सानिध्य में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का समापन हुआ। इस महोत्सव में छत्तीसगढ़ के साथ ही अन्य राज्यों से भी बड़ी संया में लोग पहुंचे थे। इस महाआयोजन संतों से आशीर्वाद लेने विधायक अरुण वोरा व पूर्व विधायक लाभचंद बाफना समेत कई जनप्रतिनिधि पहुंचे।
आज पदविहार
समाज के संजय बोहरा ने बताया कि आचार्य श्रीविशुद्ध सागर महाराज 8 दिसंबर को ससंघ विहार करेंगे। आचार्य का दोपहर 3 बजे नवकार परिसर पुलगांव नाला के पास मंगल आशीर्वचन के बाद मंगल यात्रा शुरू होगी। आचार्यश्री दुर्ग से पदविहार करते चिचोला जाएंगे।