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भिलाई

आचार्य विशुद्ध सागर का प्रवचन में संदेश, सुखी जीवन जीना है तो चिंतन करें

जिसे शीघ्र चिता पर जलना है वह चिंता करे और जिसे सुखी जीवन जीना है वह चिंतन करे। चिंतन आत्मोन्नति का प्रबल साधन है। विचारशील मानव सर्वत्र सफलता को प्राप्त करता है। चिंता चिता के समान दुखदायी होती है।

भिलाईDec 08, 2022 / 11:38 am

CG Desk

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चिंता करने से शारीरिक बल, प्रज्ञा, बुद्धि, ज्ञान नष्ट होता है। चिंतन से सर्व समस्याएं सुलझ जाती है और विकास की राहें प्रशस्त होती हैं। जैसी चिंतन की धारा होती है, वैसा ही जीवन का निर्माण होता है। विचारों पर ही आचार निर्मित होता है। संयोग-वियोगों में व्यक्ति चिंतित होता है। अच्छे व्यक्तिओं के वियोग होने पर, सहयोगियों के वियोग पर और शत्रुओं के संयोग पर हम चिंता के गहरे गड्ढे में गिरते चले जाते हैं। चिंता करने वाले की खुशी विलीन हो जाती है, मुख काला होने लगता है, आंखें धंसने लगती हैं, शरीर सूखने लगता है, भोजन अरुचिकर लगता है, विपरीत सोचते-सोचते प्राण निकल जाते हैं। सर्व रोगों की मूल जड़ चिंता है।

विचारों से ही मानव की पहचान होती है। विचारों के अनुसार ही व्यक्तित्व एवं कृतित्व निर्मित होता है। विचार हमारे कुल, परंपराओं और संस्कृति के घोतक होते हैं। व्यक्ति विचारों से ही उठता है, विचारों से ही गिरता है। विचारों से ही विकास होता है, विचारों से ही ह्रास होता है।विचारशील मानव का भोजन शुद्ध-शाकाहार ही होता है। शुद्ध भोजन ही शुद्ध विचारों को जन्म देता है। वर्तमान के पवित्र विचार भविष्य में सुख-शांति आनंद के आधार पर बनते हैं। जैसा बीज होता है, वैसा ही फल लगता है। जैसी मति होगी, वैसी गति होगी। सद्गति चाहिए तो सद् विचार करो।

आचार्यश्री विशुद्ध सागर से आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे लोग
नसिया तीर्थ में आचार्य श्रीविशुद्ध सागर महाराज के सानिध्य में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का समापन हुआ। इस महोत्सव में छत्तीसगढ़ के साथ ही अन्य राज्यों से भी बड़ी संया में लोग पहुंचे थे। इस महाआयोजन संतों से आशीर्वाद लेने विधायक अरुण वोरा व पूर्व विधायक लाभचंद बाफना समेत कई जनप्रतिनिधि पहुंचे।

आज पदविहार
समाज के संजय बोहरा ने बताया कि आचार्य श्रीविशुद्ध सागर महाराज 8 दिसंबर को ससंघ विहार करेंगे। आचार्य का दोपहर 3 बजे नवकार परिसर पुलगांव नाला के पास मंगल आशीर्वचन के बाद मंगल यात्रा शुरू होगी। आचार्यश्री दुर्ग से पदविहार करते चिचोला जाएंगे।

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