Q. आप माओवादी क्षेत्र में रहे हैं, यहां शहरी नेटवर्क को कैसे खत्म करेंगे?
A. माओवादियों के शहरी सोर्स को खत्म किया जाएगा। विभागीय चर्चा कर इसकी योजना बनाई जाएगी।
Q. रेंज के तीन जिले माओवाद प्रभावित हैं। इनके लिए क्या रणनीति होगी?
A. माओवादी गतिविधियों पर पूरी नजर रखेंगे। मौके पर जाकर स्ट्रेटेजी में कुछ बदलाव करेंगे। इससे उनके प्लान को फेल किया जा सकेगा।
Q. शहर में ड्रग्स तस्करी हो रही है, पुलिस की संलिप्तता का आरोप लगता है। क्या कदम उठाएंगे?
A. पुलिस ड्रग्स डी एडिक्शन पर काम करेगी। जो लोग इसमें घुसे हैं, उन्हें बाहर निकालना है। सप्लाई करने वालों के खिलाफ गंभीरता से कार्रवाई होगी।
Q. दुर्ग वीआईपी जिला है, यहां नया अनुविभाग बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। फोर्स की अधिकतर वीआईपी ड्यूटी लगती है। कैसे पुलिसिंग मजबूत करेंगे?
A. इस पर शासन स्तर पर चर्चा की जाएगी। फिलहाल जो फोर्स मौजूद है, उसी से काम निकाला जाएगा। रिक्रूटमेंट का भी तरीका निकालेंगे।
पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद सिन्हा 1996 बैच के एकलौते आईपीएस अफसर हैं। पहली पोस्टिंग राज्यपाल के परिसहायक के रूप में रही। इसके बाद पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा रहे। फिर राजनांदगांव, जांजगीर, जगदलपुर, बिलासपुर में एसपी रहे। प्रतिनियुक्ति पर डीआईजी एसआईबी दिल्ली चले गए। वहां से लौटने के बाद आईजी बिलासपुर और फिर बस्तर में रहे।
1. तकनीकी और वैज्ञानिक अनुसंधान।
2. बुजुर्ग दंपती के लिए विशेष प्लान।
3. सुबह 4 से 8 बजे तक पेट्रोलिंग में स्टाफ की संख्या बढ़ाएंगे।