जबलपुर ट्रिब्यूनल कोर्ट में प्रबंधन ने अर्जित अवकाश नगदीकरण को लेकर गत वर्ष शुरू की गई प्रक्रिया का भी उल्लेख किया था जिसमें वरिष्ठ कर्मचारियों को ही लाभ हुआ था। इस्पात श्रमिक मंच ने इस पर आपत्ति जताई। कर्मियों का पक्ष रखते हुए अदालत को बताया था कि जब सुविधा सबकी छीनी है तो कुछ लोगों की बहाली को राहत नहीं माना जा सकता। आनन-फानन में मैनेजमेंट द्वारा शुरू की गई अर्जित अवकाश नकदीकरण योजना के दायरे में सिर्फ 3000 कर्मचारी और 700 अधिकारी ही आ रहे थे। बाकी कर्मचारियों के लिए 170 दिन की पात्रता आर्थिक लाभ से वंचित कर दे रही थी।
जबलपुर ट्रिब्यूनल कोर्ट में 31 अगस्त को हुई पेशी में प्रबंधन की तरफ से तुषार राय चौधरी पेश हुए थे। वहीं इस्पात श्रमिक मंच की तरफ से वकील माइकल प्रदीप ने यूनियन का पक्ष रखा था। प्रबंधन इस मामले में संतोषजनक जवाब देने में असफल रहा। इसके बाद अगली पेशी में अंतिम निर्णय आना था उसके पहले ही प्रबंधन ने सुविधा को बहाल करते हुए कर्मियों को राहत दी है।
24,000 बीएसपी कार्मिक होंगे अब इस सुविधा से लाभान्वित।
70,000 पूरे सेल के कार्मिकों (कर्मी व अफसर दोनों) को मिलेगा लाभ।
170 दिन की पात्रता आर्थिक लाभ से वंचित कर दे रही थी।
30 दिन के अधिकतम अर्जित अवकाश का करा सकेंगे नगदीकरण।
50 प्रतिशत कुल अर्जित अवकाश तक की छुट्टी नगदीकरण करने की सुविधा।