केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी और भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai steel plant) की लाइफ लाइन कही जाने वाली रावघाट परियोजना एक समय में माओवादियों के साए में दम तोड़ रही थी। तब क्षेत्र से नक्सलियों को खदेडऩे की जिम्मेदारी बीएसएफ (BSF Bhilai)को दी गई। साल 2015 से 2017 के बीच भिलाई बीएसएफ (Border Security Force) मुख्यालय में डीआईजी इंटेलिजेंस के रूप में कार्य करते हुए मलिक ने एक दर्जन से ज्यादा इनामी माओवादियों को सरेंडर कराया था। इसके साथ ही कई सफल नक्सल ऑपरेशन का नेतृत्व करते हुए हार्डकोर नक्सलियों को भी मार गिराने में बड़ी सफलता अर्जित की थी। फिलहाल मलिक बीएसएफ हेडक्वार्टर दिल्ली में हेड ऑफ एसआरओ के रूप में पदस्थ हैं।(Bhilai news)
डीआईजी मलिक ने बीएसएफ (BSF), एनएसजी (NSG) के अलावा अपने सेवाकाल में संसद भवन (Parliament house) की सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी भी संभाली। उन्होंने पार्लियामेंट में सिक्यूरिटी डायरेक्टर के रूप में सेवाएं देते हुए राष्ट्रपति चुनाव (President election 2017) 2017, उपराष्ट्रपति चुनाव 2017, राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह और जीएसटी (GST) के उद्घाटन जैसे ऐतिहासिक कार्यक्रमों के सफल आयोजन में महती भूमिका निभाई। देश के कठिन मोर्चों में उत्कृष्ट सेवा और वीरता के लिए उन्हें पुलिस गैलेंट्री अवार्ड सहित कई मेडल मिल चुके हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी मलिक के कार्यों की सराहना कर चुके हैं।