CM Arun Sao: डिप्टी सीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक, काफिले के बीच में घुस गई नीली बत्ती वाली गाड़ी
CM Arun Sao: दुर्ग पुलिस को सूचना दी और बताया कि उनके काफिले में नीली बत्ती वाली गाड़ी नहीं थी। यह बीच में घुसी है। यह सुनकर पुलिस के अधिकारी सकते में आ गए।
CM Arun Sao: ट्रैफिक पुलिस की चूक के कारण उपमुख्यमंत्री अरुण साव का काफिला दुर्घटना से बाल-बाल बचा। उनके काफिले के बीच में एक नीली बत्ती वाली गाड़ी दौड़ने लगी। उपमुख्यमंत्री का फॉलोगार्ड यह देखकर हड़बड़ा गया। उसने तत्काल दुर्ग पुलिस को सूचना दी और बताया कि उनके काफिले में नीली बत्ती वाली गाड़ी नहीं थी। यह बीच में घुसी है। यह सुनकर पुलिस के अधिकारी सकते में आ गए।
रिसाली निवासी दयासिंह राजपूत ने पुलिस को बताया कि वह राजाराव पठार मेले में बुकिंग पर गया था। उसके साथ दो अधिकारी बेठे थे। उसने सोचा की डिप्टी सीएम के काफिले के पीछे चलेगा तो जल्द दुर्ग पहुंच जाएगा। इसलिए अपनी गाड़ी उसके पीछे लगा ली।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव मंगलवार को जामुल नगर पालिका में विकास कार्यों के उद्घाटन समारोह में शामिल होने आ रहे थे। वे बालोद जिले के राजाराव पठार में आयोजित वीर मेला में शामिल होकर जामुल के लिए रवाना हुए थे। उनके काफिले के आगे दुर्ग ट्रैफिक पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी चल रही थी। कुहारी के पास नेशनल हाइवे में सड़क निर्माण कार्य चल रहा है। जहां ट्रैफिक जाम हो जाता है। इसलिए उपमुयमंत्री को अमलेश्वर से फुंडा होते हुए लाया जा रहा था।
उनका काफिला सेलूद चौक पहुंचने वाली थी तभी एक नीली बत्ती वाली गाड़ी ट्रैफिक पुलिस की पेट्रोलिंग टीम के पीछे घुस गई। यह देखकर उपमुख्यमंत्री के फॉलोगार्ड ने दुर्ग पुलिस को सूचित किया कि काफिले में चल रही नीली बत्ती गाड़ी उनके साथ नहीं थी। नीली बत्ती गाड़ी काफिले के बीच से घुसी है।
यह सुनते ही पुलिस के कान खड़े हो गए। पुलिस ने नीली बत्ती गाड़ी को साइड में रुकवाया। वीआईपी काफिले की गाड़ियां एक दूसरे से एक निश्चित दूरी पर चलती हैं। यदि कोई दूसरी गाड़ी बीच में आ जाए तो गंभीर दुर्घटना की आशंका रहती है।
सीएम के काफिले में गाय आ गई थी
दुर्ग शहर विधायक गजेन्द्र यादव द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सीएम विष्णुदेव साय शामिल हुए थे। वापस जाते समय जिला अस्पताल दुर्ग के सामने उनका काफिला गाय को बचाने के चक्कर में डिवाइडर से टकरा गया था। इसी तरह कृषिमंत्री रामविचार नेताम भी बाल-बाल बचे थे।
जब वे बेमेतरा से रायपुर जा रहे थे तब उनके काफिले में एक गाड़ी घुस गई और उनकी कार को जोरदार ठोकर मार दिया। इस घटना में मंत्री नेताम घायल हो गए थे और उन्हें अस्पाल में भर्ती होकर इलाज कराना पड़ा था। इसी तरह महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के काफिले में भी दूसरी गाड़ी आ गई थी। जिसके कारण दुर्घटना होते होते बची थी।
पुलिस विभाग में अटैच पर चलाता था गाड़ी
पुलिस की पूछताछ में चालक ने बताया कि पूर्व में उसकी गाड़ी पुलिस विभाग में अटैच थी। वीआईपी को लाने ले जाने के लिए नीली बत्ती उसकी गाड़ी में लगाई गई थी। अब गाड़ी वहां से निकल गई और बुकिंग पर चलाती है। ट्रैफिक जाम में जरुरत पड़ने पर नीली बत्ती को लगा लेता है। डिप्टी सीएम के काफिले की सुरक्षा सेंध लगाने के आरोप में ट्रैफिक पुलिस ने उसे गिरतार किया। गाड़ी और ड्राइवर को नेहरू नगर स्थित ट्रैफिक टावर लाया गया।
फिर उसे उतई थाना भेज दिया गया। धारा कमजोर होने की वजह से पुलिस ने रात में उसे छोड़ दिया। जब सुबह सुरक्षा में लापरवाही का हल्ला हुआ। तब उसे दूसरे दिन फिर गिरफ्तार किया गया। लगातार हो रहे वीआईपी काफिले में चुक से ट्रैफिक पुलिस के जिमेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है। दुर्ग जिले में ट्रैफिक एएसपी का पद नहीं होने के बावजूद यहां ट्रैफिक एएसपी को रखा गया है। साथ ही डीएसपी भी मौजूद है। बावजूद ऐसी लापरवाही सामने आ रही है।
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