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भरतपुर

सोशल प्राइड: एक दंपती की मुहिम, अनाथ बेटियों की करवा रहे शादी

ये दंपती बेटियों की शादी के लिए पूरे साल गुल्लक में राशि डालते हैं। उस राशि को वे शादी में इस्तेमाल करते हैं। नदिया मोहल्ला निवासी पुष्कर सिंह एवं उनकी पत्नी ऊषा वर्ष 2010 से इस मुहिम में जुटे हैं।

भरतपुरJun 09, 2024 / 02:39 pm

Akshita Deora

हर माता-पिता की हसरत अपनी बेटी की डोली बड़े अरमानों से उठाएं, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर हो तो बेटी के सपने भी सिमट जाते हैं। ऐसी अनाथ बेटियों के दामन में नदिया मोहल्ला निवासी एक दंपती खुशियां भर रहे हैं। इस बार 14 जून को यह दंपती 14वीं अनाथ बेटी की शादी माता-पिता बनकर धूमधाम से करने जा रहे हैं।
खास बात यह है कि ये दंपती बेटियों की शादी के लिए पूरे साल गुल्लक में राशि डालते हैं। उस राशि को वे शादी में इस्तेमाल करते हैं। नदिया मोहल्ला निवासी पुष्कर सिंह एवं उनकी पत्नी ऊषा वर्ष 2010 से इस मुहिम में जुटे हैं। लगातार शादियां कराने के बाद अब अनाथ बेटियों के परिजन उनके पास आने लगे हैं। पुष्कर ने बताया कि इस बार नमक कटारा निवासी यशोदा पुत्री फतेह सिंह की शादी मथुरा गेट निवासी अमित कुमार से कराई जाएगी। शादी में समाजसेवी दंपती की ओर से शादी का सारा सामान, बारातियों को दावत एवं दूल्हे को कपड़े आदि भेंट दिए जाएंगे। सिंह ने बताया कि कोरोना काल के दौरान यह सिलसिला कुछ समय के लिए थम गया था, लेकिन अब फिर से अनाथ बेटियों के हाथ पीले करने की मुहिम जारी है।
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बना रखी है गुल्लक

दोनों हर साल नई गुल्लक खरीदते हैं। एक गुल्लक को पुष्कर अपनी जनरल स्टोर की दुकान पर रखते हैं, जबकि ऊषा की गुल्लक घर में रहती है। सुबह पूजा-पाठ के दौरान पुष्कर उसमें कुछ राशि अवश्य डालते हैं। वहीं ऊषा भी नियमित रूप से गुल्लक में कुछ पैसे जमा करती हैं। इसे शादी से ठीक पहले फोड़ा जाता है। एक साल में दोनों शादी के लायक राशि जमा कर लेते हैं। दंपती मैरिज होम, बैंड एवं हलवाई का खर्चा स्वयं उठाते हैं।

दादी से मिली प्रेरणा के बाद से मदद जारी

पुष्कर बताते हैं कि दादी ने कहा था कि कभी जीवन में मौका मिले तो अनाथ बेटी की शादी जरूर करना। तब मैं इस मुहिम में जुटा हुआ हूं। एक दिन मैं अपने मित्र के यहां बैठा था। यहां कुछ लोग आए और उन्होंने अनाथ बेटी की शादी के लिए मदद की गुहार लगाई। इस पर मैंने बेटी की शादी का पूरा खर्चा उठाने की बात कही। इसके बाद से यह सिलसिला चल पड़ा, जो निरंतर जारी है। सिंह दंपती का कहना है कि शादी में बाराती लाने की भी बंदिश नहीं होती। सबके लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है।

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