scriptअनपढ़ होकर दिया स्वरोजगार का संदेश, रति की सालाना इनकम अब सात लाख रुपए | Rati's annual income is now seven lakh rupees | Patrika News
भरतपुर

अनपढ़ होकर दिया स्वरोजगार का संदेश, रति की सालाना इनकम अब सात लाख रुपए

-मुर्गीपालन कर परिवार की आय में भागीदार बनने पर मिला बड़ा सम्मान

भरतपुरOct 02, 2020 / 02:54 pm

Meghshyam Parashar

अनपढ़ होकर दिया स्वरोजगार का संदेश, रति की सालाना इनकम अब सात लाख रुपए

अनपढ़ होकर दिया स्वरोजगार का संदेश, रति की सालाना इनकम अब सात लाख रुपए

भरतपुर. कुम्हेर पंचायत समिति क्षेत्र के जहांगीरपुर गांव निवासी रति देवी गांव की अन्य महिलाओं की तरह घरेलू कामकाज कर खेती-बाड़ी के कार्य में पूरे दिन जुटी रहती थी। खेती क्यारी से सीमित मात्रा में आय होने के वजह से बड़ी मुश्किल से जीवनयापन कर रही थी लेकिन उसे जब एक संस्था ने मुर्गी पालन का प्रशिक्षण देकर कार्य शुरू कराया और उसके सोच से भी अधिक आय होने लगी तो उसने चार हजार चूजों की मुर्गी पालन की यूनिट शुरू कर दी इससे वह प्रतिवर्ष करीब सात लाख रुपए आसानी से कमा रही है।
रति देवी अधिक पढ़ी-लिखी नहीं है। उसके पति लालाराम के पास मात्र तीन बीघा जमीन होने की वजह से खेती से आय बहुत कम होती थी। ऐसी स्थिति में पूरा परिवार अभावों की जिन्दगी गुजार रहा था। करीब छह वर्ष पहले रति देवी को एक संस्था ने घरेलू मुर्गी पालन का प्रशिक्षण देकर 50 चूजे मुहैया कराए। जिन्हें पाल-पोस कर तीन माह बाद बेच दिया। इससे उसे करीब दो हजार रुपए का मुनाफा मिला। रति देवी पूरे वर्ष इसी तरह चूजे प्राप्त कर उनके वयस्क होने पर बेचती रही लेकिन उसके मन में मुर्गी पालन का बड़ा काम करने की इच्छा अवश्य थी।
स्थापित की मुर्गी पालन यूनिट

रति देवी की अभिलाषा करीब चार साल पहले पूरी हुई जब उसे मुर्गी पालन यूनिट स्थापित करने के लिए बैंक ने ऋण प्रदान किया इस पर उसने सबसे पहले 500 चूजों की मुर्गी पालन यूनिट स्थापित की। इस यूनिट से उसे करीब तीन लाख रुपए का फायदा मिला। इस फायदे को देखकर उसने अब चार हजार चूजों की यूनिट स्थापित कर ली है। उसने बताया कि सर्दियों के मौसम में तो वह बाजार की मांग भी पूरी नहीं कर पाती है।
पत्नी चला रही यूनिट और पति करता है विक्रय

मुर्गी पालन के कार्य में अब उसका पति भी सहयोग करने लगा है और वयस्क चूजों को भरतपुर के अलावा आगरा, नई दिल्ली, गुडग़ांवा आदि शहरों में विक्रय के लिए ले जाता है। अधिकांश खरीदार तो एडवांस में ही मुर्गियां बुक करा देते हैं। मुर्गी पालन के बढ़ते व्यवसाय में मुर्गियों को पहुंचाने में हो रही समस्या को देखते हुए उसने वाहन भी खरीद लिया है ताकि ऑर्डर मिलने पर शीघ्र मुर्गियां पहुंचाई जा सके। रति देवी के परिवार में हुई आय के कारण उसकी परिवार में इज्जत बढ़ी है और प्रत्येक कार्य में उसकी भागीदारी अवश्य रहती है।

Hindi News / Bharatpur / अनपढ़ होकर दिया स्वरोजगार का संदेश, रति की सालाना इनकम अब सात लाख रुपए

ट्रेंडिंग वीडियो