स्थापित की मुर्गी पालन यूनिट रति देवी की अभिलाषा करीब चार साल पहले पूरी हुई जब उसे मुर्गी पालन यूनिट स्थापित करने के लिए बैंक ने ऋण प्रदान किया इस पर उसने सबसे पहले 500 चूजों की मुर्गी पालन यूनिट स्थापित की। इस यूनिट से उसे करीब तीन लाख रुपए का फायदा मिला। इस फायदे को देखकर उसने अब चार हजार चूजों की यूनिट स्थापित कर ली है। उसने बताया कि सर्दियों के मौसम में तो वह बाजार की मांग भी पूरी नहीं कर पाती है।
पत्नी चला रही यूनिट और पति करता है विक्रय मुर्गी पालन के कार्य में अब उसका पति भी सहयोग करने लगा है और वयस्क चूजों को भरतपुर के अलावा आगरा, नई दिल्ली, गुडग़ांवा आदि शहरों में विक्रय के लिए ले जाता है। अधिकांश खरीदार तो एडवांस में ही मुर्गियां बुक करा देते हैं। मुर्गी पालन के बढ़ते व्यवसाय में मुर्गियों को पहुंचाने में हो रही समस्या को देखते हुए उसने वाहन भी खरीद लिया है ताकि ऑर्डर मिलने पर शीघ्र मुर्गियां पहुंचाई जा सके। रति देवी के परिवार में हुई आय के कारण उसकी परिवार में इज्जत बढ़ी है और प्रत्येक कार्य में उसकी भागीदारी अवश्य रहती है।