scriptRajasthan Election: टिकट नहीं मिलने पर बोलीं पूर्व विधायक, वसुंधरा के कैम्प का मानकर मुझे भाजपा ने अपने से किया दूर | Rajasthan Election 2023 BJP Released First List Of Candidates, Name Of Former MLA Anita Singh Gurjar Is Not There | Patrika News
भरतपुर

Rajasthan Election: टिकट नहीं मिलने पर बोलीं पूर्व विधायक, वसुंधरा के कैम्प का मानकर मुझे भाजपा ने अपने से किया दूर

Rajasthan Election: आचार संहिता लागू होते ही सोमवार से चुनावी शंखनाद हो गया। भाजपा ने पहली सूची जारी कर चुनावी बिगुल फूंक दिया है। भाजपा ने नगर और वैर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित किए हैं।

भरतपुरOct 10, 2023 / 12:53 pm

Nupur Sharma

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क/भरतपुर। Rajasthan Election: आचार संहिता लागू होते ही सोमवार से चुनावी शंखनाद हो गया। भाजपा ने पहली सूची जारी कर चुनावी बिगुल फूंक दिया है। भाजपा ने नगर और वैर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित किए हैं। वैर (अजा) सीट से जहां पूर्व सांसद बहादुर सिंह कोली को उम्मेदवार बनाया है, तो वही नगर (सामान्य) सीट से डांग विकास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जवाहर सिंह बेढ़म को चुनावी मैदान में उतारा है। इनमें से एक विधानसभा भरतपुर तथा दूसरी डीग जिले में आती है। हालांकि ऐनवक्त पर कामां में प्रत्याशी की घोषणा रुक गई। बताते हैं कि भरतपुर व कामां में प्रत्याशी का टिकट का कनेक्शन जुड़ने के कारण यहां देरी हो रही है। पार्टी दो जातियों को साधने की कोशिश में जुटी है। साथ ही संघ से रायशुमारी के बाद इसका निर्णय टाला गया है।

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पहली सूची जारी होते ही कई उम्मीदें धराशायी हुई हैं। वजह, भाजपा में टिकट चाहने वालों की लंबी फेहरिस्त थी। ऐसे में विरोध के स्वर भी मुखर हो रहे हैं। हालांकि अभी दावेदार खुलकर सामने नहीं आए हैं, लेकिन दबी जुबां में आरोप लगा रहे हैं कि दोनों ही टिकटों में अच्छे दावेदारों को दरकिनार किया गया है। वर्ष 2018 की बात करें तो भाजपा को भीतरघात का सामना करना पड़ा था। भाजपा ने महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष हंसिका गुर्जर को भी साइड लाइन किया है।

वसुंधरा खेमे के कारण हुई दूर:अनीता
नगर से टिकट नहीं मिलने पर सोमवार रात को पूर्व विधायक अनीता सिंह गुर्जर ने सोशल मीडिया पर अपनी बात कही। अनीता सिंह ने लिखा कि मुझे भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर विधानसभा से हजारों फोन आ रहे हैं कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए। मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करती हूं। अभी जयपुर हूं। कल (मंगलवार) शाम को आपके बीच उपस्थित रहूंगी। आपसे बात करूंगी और आपके आदेश सर आंखों पर। अनीता ने लिखा कि वसुंधरा जी के कैम्प का मानकर मुझे भाजपा ने अपने से दूर किया है और जिसे टिकट दिया है, जिसकी जमानत जब्त होगी। कामां में 50 हजार से हारा।’ हमने नगर के कुशासन, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण के खिलाफ पिछले पांच सालों से लगातार आंदोलन कर जनता की आवाज को बुलंद किया। अब आगामी 40 दिनों में इस लय को और अधिक धार देते हुए जनता के बीच परिवर्तन की लहर इतनी प्रचंड बनाइए कि तुष्टिकरण नाम की बीमारी जड़ से खत्म हो जाए।

यूं बहादुर पर दांव, इसलिए नहीं अनीता
वैर विधानसभा क्षेत्र के बात करें तो बहादुर सिंह कोली दो बार सांसद और दो बार विधायक रह चुके हैं, लेकिन दो बार कोई भी चुनाव नहीं लड़ा। क्षेत्र में पकड़ अच्छी है। खुद के अलावा जाट वोटों पर भी पकड़ मानी जाती है। पहले रामस्वरूप कोली ज्यादा वोटों के अंतर से हारे थे। ऐसे में पार्टी ने बहादुर सिंह को तवज्जो दी है। नगर की बात करें तो पिछले चुनाव में अनीता सिंह गुर्जर करीब 28 हजार वोटों से हारी थीं। चुनाव परिणाम में अनीता सिंह तीसरे नंबर पर रहीं। इस बार भाजपा का फार्मूले के तहत 15 हजार से ज्यादा वोटों से हारने वाले नेताओं से किनारा कर रही है। नगर में पार्टी को गुर्जर चेहरे को ही टिकट देनी थी। ऐसे में नेम सिंह फौजदार को तवज्जो नहीं मिल सकी। हालांकि फौजदार पिछली बार दूसरे नंबर पर रहे थे। बहादुर सिंह पूर्व सीएम वसुंधरा राजे गुट के माने जाते हैं, जवाहर सिंह सब जगह अपनी पैठ जमाए थे। संगठन की ओर से भी जवाहर सिंह का नाम भेजने की बात सामने आई है।

बगावत के पीछे राज…
वैर व नगर में भाजपा ने प्रत्याशी घोषित कर एक बार चौंका दिया है। क्योंकि अब तक टिकट की कतार में लगे दिग्गजों को किनारे कर पार्टी ने यह मैसेज देने की कोशिश की है तो पार्टी चेहरे बदलने का मानस बना चुकी है। आगामी सूची में जिले की पांच सीटों पर प्रत्याशी घोषित होने हैं। ऐसे में आगामी सूची में दो या तीन चौंकाने वाले हो सकते हैं।

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‘मैं सड़क पर हूं’: नेम सिंह
भाजपा से टिकट मांग रहे नैम सिंह फौजदार ने सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी। फौजदार ने खुद को ‘मैं सड़क पर हूं’ लाइन के साथ जनता की अदालत में बताते हुए कहा कि मेरी 25 साल की सेवा चमचागिरी के नीचे दब गई। ऐसे व्यक्ति को नगर से टिकट दिया जो किसी के सुख-दुख में काम नहीं आए। मैंने सच्चे मन से सेवा की है। अब मेरा जीवन-मरण जनता के हाथ है। अब फैसला जनता को करना है। पंचायत करके मुझे या तो घर बिठाएं या मुझे आशीर्वाद दें। फौजदार ने कहा कि मैं समाज सेवा में आगे रहा, लेकिन चमचागिरी करने में कमजोर रहा। इस वजह से मेरे साथ धोखा हुआ, लेकिन अब संघर्ष और सेवा का समय नहीं है।

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