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भरतपुर

सियासी घमासान: गुट को मजबूत बनाने एक-दूसरे के पार्षदों को तोड़ रहे विरोधी व समर्थक

-एक गुट ने बैठक कर दो नवंबर को प्रदर्शन का लिया निर्णय, मनोनीत पार्षदों ने मेयर की कार्यशैली का जताया विरोध

भरतपुरOct 31, 2020 / 12:50 pm

Meghshyam Parashar

सियासी घमासान: गुट को मजबूत बनाने एक-दूसरे के पार्षदों को तोड़ रहे विरोधी व समर्थक

सियासी घमासान: गुट को मजबूत बनाने एक-दूसरे के पार्षदों को तोड़ रहे विरोधी व समर्थक

भरतपुर. शहरी सरकार में चल रहे सियासी घमासान के बीच अब दोनों गुट को खुद को मजबूत बनाने की कोशिश में एक-दूसरे गुट के पार्षदों को तोड़कर समर्थन की कोशिश में जुटे हैं। इतना ही नहीं अब पार्षदों के घर-घर जाकर उन्हें मनाने की मुहिम भी शुरू हो चुकी है। शुक्रवार को भी पार्षदों के दोनों गुट रणनीति बनाने में जुटे रहे। एक गुट ने बैठक कर दो नवंबर को आयुक्त के निलंबन की मांग को लेकर राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग का पुतला जलाने का निर्णय लिया तो वहीं मनोनीत पार्षदों ने बैठक कर मेयर की कार्यप्रणाली की निंदा करते हुए आयुक्त का समर्थन किया। उल्लेखनीय है कि पिछले करीब पांच महीने से नगर निगम अखाड़ा बना हुआ है। मेयर व आयुक्त के बीच विवाद चल रहा है तो वहीं पार्षद नरेश जाटव ने पिछले दिनों आयुक्त नीलिमा तक्षक के खिलाफ जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने का मामला दर्ज कराया था तो वहीं आयुक्त ने पार्षद नरेश जाटव समेत तीन के खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज कराया था।
नगर निगम के मनोनीत पार्षदों की बैठक हुई। इसमें सभी ने एक मत के साथ महापौर के संरक्षण में चल रही कार्यवाई व उनकी कार्यशैली की जमकर निन्दा की। सभी का कहना था कि इससे शहर के विकास कार्यों में रुकावट पैदा हो रही है। आयुक्त नीलिमा तक्षक के समर्थन में मनोनीत पार्षदों कहा कि एक पार्षद ने आयुक्त के खिलाफ धारा तीन के मुकदमा कर अनावश्यक दबाव बनाने की कोशिश की है। जो सरासर निन्दनीय है। सभी मनोनीत पार्षदों का कहना है कि नगर निगम में इस समय मेयर व उनके संरक्षण में जो अन्य पार्षद कर रहे हैं वह शहर व नगर निगम के हित में नहीं है। सभी मनोनीत पार्षदों ने एकजुट होकर आयुक्त का खुलकर समर्थन भी किया। इस मौके पर मनोनीत पार्षद बृजेन्द्र चीमा, रामेश्वर प्रजापति, हरीकृष्ण वर्मा, राकेश होलकर, रघुवीर ठाकुर, परवीन खान मौजूद रहीं। इधर, आयुक्त का विरोध कर रहे पार्षदों के गुट की बैठक पार्षद मिथलेश समंदर सिंह गुर्जर की अध्यक्षता में हीरादास पर हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग का भरतपुर में आगमन होने पर काले झंडे दिखाकर विरोध व्यक्त किया जाएगा। पार्षद भूपेंद्र चंदा पंडा ने कहा कि जब आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है तब तक पार्षदों का आंदोलन जारी रहेगा। पार्षद सुधा शर्मा ने कहा कि निगम आयुक्त का कार्य छोड़कर राजनीति कर रही है। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। सभी पार्षदों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। आगामी दो नवंबर से पहले यदि आयुक्त को निलंबित नहीं किया गया तो पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत चिकित्सा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग का पुतला कलक्ट्रेट के सामने जलाया जाएगा। बैठक में पार्षद मोती सिंह, मुकेश कुमार पप्पू, किशोर सैनी, बबीता सुरेश धर्मपुरा, विजय भारती, चतरसिंह सैनी, नरेश जाटव, रिंकी देवी, सुरेंद्र एडवोकेट, प्रकाश, पार्षद प्रतिनिधि अनिल शर्मा आदि उपस्थित थे।
निगम के विवाद पर जताई चिंता

जिला कांग्रेस कमेटी (अनुसूचित जाति विभाग) के निवर्तमान शहर अध्यक्ष संतोष निमेष एडवोकेट ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नगर निगम भरतपुर में चल रही अफसरों और नेताओं की खींचतान पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि एक वर्ष पूर्व शहर की जनता ने बड़े सपनों के साथ शहर की सरकार को चुना था जिसके तहत भरतपुर में नगर निगम का बोर्ड कांग्रेस पाटी का बना, आज जब सम्पूर्ण प्रदेश कोरोना महामारी की चपेट में है जनता के सामने रोजी रोटी का संकट मंडरा रहा है ऐसे में भरतपुर के अधिकारी और नेता आपसी स्वार्थ व प्रतिष्ठा के कारण शहर में होने वाले विकास कार्यों को दरकिनार कर रहे हैं।
दूसरा गुट बैठक कराने पर अड़ा, मतलब अब भी बैठक पर संकट

शहरी सरकार के दो मुखियाओं के बीच चल रही लड़ाई के साथ ही अब आंतरिक रणनीति का भी खेल शुरू हो गया है। जहां गुटों का नेतृत्व कर रहे मुखिया पार्षदों को हर दिन रणनीति तय कर बता रहे हैं तो इसी रणनीति के तहत पार्षदों के दूसरे गुट ने गत दिवस मेयर को ज्ञापन देकर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक कराने की मांग रखी। हालांकि मेयर ने अभी तक इस पत्र का कोई जबाव नहीं दिया है। बताते हैं कि इससे पहले भाजपा के पार्षद भी दो बार ज्ञापन देकर बैठक कराने की मांग कर चुके हैं। यह भी बताया जा रहा है कि मेयर गुट को बैठक में विवाद की भी आशंका है। साथ ही एजेंडा पर बैठक में चर्चा होना भी मुश्किल है। चूंकि मेयर की ओर से पूर्व के एजेंडा में प्रत्येक बिंदु की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई थी, जो कि अभी तक उनके पास नहीं आई है।

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