रियल टाइम ने बढ़ाई कतार अस्पताल प्रशासन ने दवा काउंटरों से दवा लेेने वालों मरीजों के पर्चों को रियल टाइम अपलोड करने को कहा है। इसमें मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इससे पहले फार्मासिस्ट पर्चा लेकर दवा दे देता था और पर्चा बाद में चढ़ जाता था, लेकिन अब रियल टाइम ने इनकी मुसीबत बढ़ा दी है। अब एक मरीज को दवा लेने में कम से कम पांच मिनट का समय लग रहा है। इस बीच यदि कोई व्यक्ति लाइन में दसवें नंबर पर खड़ा है तो उसका नंबर एक घंटे में आ रहा है। तेज गर्मी के बीच टिनशैड़ के नीचे खड़ा होना मरीज एवं उनके परिजनों के लिए मुसीबत साबित हो रहा है।
एक काउंटर पर तीन कार्मिक अस्पताल में संचालित होने वाले डीडीसी (दवा काउंटर) पर तीन कार्मिक रहते हैं। इनमें प्रमुख रूप से दवा देने के लिए फार्मासिस्ट, पर्चा चढ़ाने के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं फार्मासिस्ट को दवा उपलब्ध कराने के लिए हैल्पर। अब आरबीएम अस्पताल प्रशासन ने आठ काउंटर बढ़ाने की बात कही है। इस लिहाज से यहां प्रत्येक पर तीन कार्मिक तैनात करने होंगे। इसके अलाव यहां पांच काउंटर इनडोर मरीजों के लिए चौबीस घंटे संचालित करने की योजना है। ऐसे में इनमें तीन शिफ्टों में स्टाफ की जरूरत होगी।
पांच काउंटर चौबीस घंटे होंगे संचालित जांच, दवा, पर्ची और इलाज फ्री करने की योजना के तहत इनडोर मरीजों को अब चौबीस घंटे दवा उपलब्ध कराने की भी योजना है। ऐसे में आरबीएम एवं जनाना अस्पताल में चौबीस घंटे यह दवा काउंटर संचालित होंगे। इनमें स्टाफ शिफ्टों में तैनात किया जाएगा। ड्राय रन खत्म होने के बाद यह व्यवस्था 1 मई से लागू होगी।
17 काउंटर होंगे संचालित आरबीएम एवं जनाना अस्पताल में 1 मई से अब कुल 17 दवा काउंटर संचालित होंगे। इनमें आरबीएम अस्पताल में पांच एवं जनाना अस्पताल में तीन दवा काउंटर बढ़ाए जाएंगे। ऐसे में वर्तमान एवं बढ़े हुए काउंटरों के बाद संख्या बढ़कर 17 हो जाएगी। आरबीएम में कुल संख्या 11 हो जाएगी।
जन औषधि केन्द्र भी देगा राहत आरबीएम में दवा काउंटर बढऩे के साथ अब प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र भी संचालित होगा। इसकी कवायद शुरू हो गई है। अभी तक जन औषधि केन्द्र जनाना अस्पताल में ही संचालित हो रहा है। दवा काउंटर पर दवा नहीं मिलने की स्थिति में मरीज अब यहां से दवा ले सकेंगे। जन औषधि केन्द्र के मई के पहले सप्ताह में शुरू होने की संभावना है।
इनका कहना है अस्पताल प्रशासन ने योजना को लेकर पूरी तैयारी कर ली है। दवाओं की उपलब्धता बेहतर है। कुछ दवाओं के लिए टेंडर प्रक्रिया भी अपना ली है। योजना के बेहतर संचालन के लिए दवा काउंटर बढ़ाने के साथ जन औषधि केन्द्र भी खोला जा रहा है। इसके लिए स्टाफ भी लगाया जाएगा।
– डॉ. जिज्ञासा शाहनी, अधीक्षक आरबीएम भरतपुर