इनके बीच पहुंचकर चुनावी चर्चा छेड़ी तो प्रमोद कुमार बोले, कोई भी जीत जाए, जीतने के बाद कोई जनता का हाल पूछने नहीं आता। समस्याएं जस की तस है। न ही इंडस्ट्रीयल एरिया बन पाया और न ही चंबल का पानी आ पाया। यही हालात रहे तो लोग पानी को तरसेंगे। नगर से रवाना होकर डीग पहुंचा। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इसे जिला बनाया था। हालांकि लोगों का कहना है कि नाम का ही जिला है। जिले जैसी सुविधाएं मिलने में अभी समय लगेगा।
भरतपुर शहर के बिहारीजी परिक्रमा मार्ग में सुबह का माहौल देखने लायक था। परिक्रमा मार्ग में महादेव हनुमान मंदिर में बुजुर्गों का एक ग्रुप बैठकर चाय पे चर्चा में व्यस्त था। चाय की चुस्कियां ले रहे इन लोगों के बीच राम मंदिर, मोदी फैक्टर और भरतपुर से सीएम बनाने जैसी कई बातें सुनने को मिली। व्यापारी शिवशंकर बंसल ने एनसीआर में शामिल होने से भरतपुर को होने वाले नुकसान गिनाए। कहा, यदि एनसीआर में शामिल नहीं होते तो शायद यहां उद्योग खुलते और युवाओं को रोजगार मिलता।
टैक्सी में बैठी कुछ सवारियों से भी चुनावी मुद्दों पर चर्चा की। कुम्हेर के रामविजय बोले कि हम तो युवा हैं और युवा को रोजगार से मतलब। सरकारों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। वहीं नदबई के बृजमोहन ने कहा कि भरतपुर ब्रजभूमि है। सरकारों ने काम भी कराए, लेकिन ज्यादा दिन तक ये चल नहीं पाते हैं। इसकी निगरानी मजबूत होनी चाहिए।