किसानों का कहना है कि सिंचाई विभाग की कथित लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है। चूंकि नहर कमजोर थी और क्षमता से अधिक पानी छोड़े जाने की वजह से नहर जवाब दे गई। जो रविवार रात ओवरफ्लो होकर टूट गई। पानी का बहाव तेज होने के कारण आसपास के क्षेत्र के खेतों में गेहूं की फसल डूब गई। नहर में बहाव ज्यादा होने के कारण नहर के टूटने से किसानों के खेतों में डेढ़ से दो फीट तक पानी भर गया है। किसानों ने सरकार से मुआवजा देने की मांग की है।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों की रही लापरवाही
किसान नेता मोरध्वज सिंह बहज ने कहा कि यह हादसा सिंचाई विभाग की लापरवाही का कारण है। नहर कमजोर है। विभाग की ओर से न कभी नहर की सफाई कराई गई और न ही कभी मेंटेनेंस। नहर के दोनों ओर की पटरियों की भी मरम्मत नहीं की गई। क्षमता से अधिक पानी छोड़े जाने की वजह से नहर में पानी ओवरफ्लो चल रहा था। अधिकारियों ने कभी इसकी सुध नहीं ली। जिसकी वजह से नहर टूटने के बाद पानी खेतों में जा पंहुचा।