ऐसे आवश्यकताओं पर नजर डाला जाय तो जनपद के औराइ में स्थित बंद पडी चीनी मिल को दोबारा शुरू कराने के लिए चुनावों में हर पार्टियों द्वारा वादा किया गया, यूपी विधानसा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ ने सरकार बनने पर चीनी मिल का शुरू कराने की बात कही थी लेकिन सरकार बनने के बाद अभी तक चीनी मिल शुरू नहीं हुआ। यह बात अलग है कि पार्टी के सांसद, विधायक और प्रशासन द्वारा मिल को शुरू कराने की दिमागी कसरत जरूर की गयी।
स्वास्थ्य के क्षेत्र की बात की जाय तो बसपा सरकार में स्वीकृत सौ बेड का जिला अस्पताल आज तक नहीं पूर्ण नही हो पाया। बसपा और सपा सरकार के दौरान इस अस्पताल में घोटाले की बात सामने आयी। जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाई की गयी लेकिन अभी तक यह अस्पताल जनता के लिए शुरू नहीं हो सका। जिले के अन्य सरकार अस्पताल रेफरल अस्पताल बने हुए जिससे लोगों की मौत हो रही है। यह सौ बेड का अस्पताल शुरू हो जाता तो हो सकता है कि लोगों की जान बचाई जा सकती है।
जनपद को आज तक रोडवेज डिपो की सौगात नहीं मिल सकी। इलाहाबाद वाराणसी के मध्य सबसे बडे बाजार गोपीगंज में रोडवेज बस अड्डा न होने के कारण रोडवेज बसे सडक पर ही खड़ी होती हैं। ज्ञानपुर में भी एक रोडवेज बस अडड् बना है लेकिन पिछले सात से आठ वर्षो से वह बंद पडा हुआ है और वहां आटो रिक्शा वालों का कब्जा रहता है।
रामपुर गंगा घाट पर भी काफी समय से पक्का पुल बनाने की मांग चली आ रही है। शिक्षा की क्षेत्र में जनपद में आज भी कोई ऐसे व्यवसायिक पाठ्यक्रम में डिग्री देने वाले संस्थान की स्थापना नही हो सकी है। जिले के छात्रों को व्यवसायिक पाठ्यक्रम में डिग्री हासिल करने के लिए बड़े महानगरों की खाक छाननी पड़ती है। काशी नरेश राजकीय महाविद्यालय को भी विश्वविधालय बनाने की मांग की जाती रही है। हां इस बात से इनकार नही किया जा सकते कि बीते कुछ वर्षों में जिले की सड़कों पर काफी काम हुआ है लेकिन उपरोक्त विकास कार्यों पर काम कीजे जाने के बेहद आवश्यकता है और जिलेवासियों की उम्मीद है कि सीएम योगी आदित्यनाथ भदोही दौरे के दौरान समीक्षा इन बातों पर गम्भीर होंगे और जिले में इन विकास कार्यों की सौगात देंगे।