शाख प्रबंधक रितेश चतुर्वेदी ने की थी मामले की शिकायत
मामले के लगभग एक साल बाद तत्कालीन शाखा प्रबंधक रितेश चतुर्वेदी ने 19 जून 2014 को ब्रांच मे हुए गबन की शिकायत थाने में की थी। शिकायत में बताया कि फर्जी नाम और फोटो के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर बैंक से राशि आहरित कीगई है। तरोड़ बुजुर्ग निवासी दर्शन पिता शिवलू की मौत होने के बाद भी उसके नाम से खाता खोलकर रुपए आहरित कर लिए गए। अन्य किसानों के नाम से भी किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर लगभग सवा करोड़ रुपए की राशि आहरित की गई थी। शिकायत के बाद पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि राशि आहरित करने के बाद बैंक मैनेजर अभिषेक, विनय ओझा, लेखापाल निलेश छलोत्रे, दीनानाथ राठौर सहित अन्य ने राशि बाट ली थी। इस मामले में तत्कालीन बैंक मैनेजर अभिषेक, निलेश छलोत्रे सहित अन्य की गिरफ्तारी पूर्व में हो गई थी। केस दर्ज होने के बाद से वीके ओझा फरार चल रहा था। टीआई सुनील लाटा ने बताया सोमवार को वीके ओझा को गिरफ्तार कर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय में पेश किया गया है।
मामले के लगभग एक साल बाद तत्कालीन शाखा प्रबंधक रितेश चतुर्वेदी ने 19 जून 2014 को ब्रांच मे हुए गबन की शिकायत थाने में की थी। शिकायत में बताया कि फर्जी नाम और फोटो के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर बैंक से राशि आहरित कीगई है। तरोड़ बुजुर्ग निवासी दर्शन पिता शिवलू की मौत होने के बाद भी उसके नाम से खाता खोलकर रुपए आहरित कर लिए गए। अन्य किसानों के नाम से भी किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर लगभग सवा करोड़ रुपए की राशि आहरित की गई थी। शिकायत के बाद पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि राशि आहरित करने के बाद बैंक मैनेजर अभिषेक, विनय ओझा, लेखापाल निलेश छलोत्रे, दीनानाथ राठौर सहित अन्य ने राशि बाट ली थी। इस मामले में तत्कालीन बैंक मैनेजर अभिषेक, निलेश छलोत्रे सहित अन्य की गिरफ्तारी पूर्व में हो गई थी। केस दर्ज होने के बाद से वीके ओझा फरार चल रहा था। टीआई सुनील लाटा ने बताया सोमवार को वीके ओझा को गिरफ्तार कर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय में पेश किया गया है।