सतपुड़ा थर्मल पॉवर प्लांट में बन रही सबसे महंगी बिजली
मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी से 6 से 29 पैसे प्रति यूनिट तक बिजली उत्पादन महंगा
मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी से 6 से 29 पैसे प्रति यूनिट तक बिजली उत्पादन महंगा
सारनी. मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के सभी बिजली घरों से विद्युत उत्पादन करना 6 से 29 पैसे प्रति यूनिट तक महंगा हो गया है। इसका खुलासा मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा मार्च माह में जारी की गई फरवरी माह की एमओडी से हुआ है। सबसे महंगी बिजली सतपुड़ा थर्मल पॉवर प्लांट सारनी की 200 व 210-210 मेगावाट की 6, 7, 8 और 9 नंबर इकाई से बन रही है। हालांकि कोयले की कमी की वजह से सतपुड़ा की 8 व 9 नंबर इकाई 29 फरवरी से बंद रखी जा रही है।वहीं महंगे दाम पर बिजली बनाने के चलते 6 व 7 नंबर इकाई को कभी भी आरएसडी में बंद कर सकते हैं।
सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की पुरानी चार इकाइयों से पहले 3.9 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली उत्पादन होता था। नई एमओडी में उत्पादन लागत बढ़कर 3.25 पैसे प्रति यूनिट हो गई है। इसी तरह 500 मेगावाट की सतपुड़ा परियोजना से 2.40 पैसे से बढ़कर 2.50 पैसे प्रति यूनिट हो गई है। बिरसिंहपुर पॉवर प्लांट की 210-210 मेगावाट की 4 इकाइयों की उत्पादन लागत1.98 से बढ़कर 2.27 पैसे प्रति यूनिट हो गई है। वहीं 500 मेगावाट की इकाई की इकाई 1.85 से बढ़कर 1.97 रुपए हो गई है। अमरकंटक की 1.64 रुपए प्रति यूनिट है। इधर, श्रीसिंगाजी पॉवर प्लांट की उत्पादन लागत 2.82 से बढ़कर 2.88 पैसे प्रति यूनिट हो गई है। बिजली उत्पादन लागत बढऩे की वजह कोयले के दाम बढऩा है।
गहरा रहा कोयला संकट
मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के बिजली घरों में कोयला संकट लगातार बढ़ रहा है। बुधवार तक चारों प्लांटों के यार्डों में 6 लाख 28 हजार मीट्रिक टन के आसपास कोल स्टॉक रहा। सर्वाधिक स्टॉक श्रीसिंगाजी पॉवर प्लांट खंडवा में हैं। यहां 2 लाख 50 हजार मीट्रिक टन कोयला है। इसके बाद दूसरे नंबर पर सतपुड़ा पॉवर प्लांट सारनी है। यहां एक लाख 94 हजार मीट्रिक टन कोयला है।जबकि अमरकंट में 90 हजार और बिरसिंहपुर पॉवर प्लांट में 94 हजार मीट्रिक टन ही कोल स्टॉक है। कोयला संकट को लेकर मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी काफी चिंतित है।
आरएसडी में बंद है चार इकाइयां
रिजर्व शट डाउन में मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी की चार इकाइयां बंद है। जिसमें श्रीसिंगाजी पॉवर प्लांट खंडवा की दो और बिरसिंहपुर पॉवर प्लांट की दो इकाइयां शामिल है। वहीं सतपुड़ा गृह की दो इकाइयां कोयले की कमी से 29 फरवरी से बंद है। गौरतलब है कि मप्र पॉवर कंपनी के पास चार बिजली घर है। जिनमें 16 इकाइयां है। जिनकी उत्पादन क्षमता 5400 मेगावाट है। जेनको की 6 इकाइयां विभिन्न कारणों से बंद है। वहीं 10 इकाइयों से 2510 मेगावाट के आसपास बिजली उत्पादन हो रहा है। तीन इकाइयां पूरी क्षमता पर चलाई जा रही है। बाकी इकाइयां बेकिंग डाउन पर चलाई जा रही है।जिसके चलते जेनको का उत्पादन लुढ़ककर आधे से भी कम हो गया है।
प्रदेश के बिजली घरों पर एक नजर
प्लांट उत्पादन क्षमता भंडारण
सतपुड़ा 800 1330 1,94,000
अमरकंटक 210 210 90,000
श्रीसिंगाजी 700 2520 2,50,000
बिरसिंहपुर 800 1340 94,000
नोट: बिजली उत्पादन और क्षमता मेगावाट और कोल स्टॉक मीट्रिक टन में हैं।
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