कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने किसान की प्राथमिकता को अपनी प्राथमिकता में सर्वोपरि स्थान दिया। उन्होंने 3 माह में ही राजस्व के 36 हजार प्रकरणों का निराकरण कराया। इसके अंतर्गत 18 हजार 138 नामांतरण के, 2 हजार 734 बंटवारे के, 3 हजार 163 सीमांकन के प्रकरण शामिल है। इसके अलावा रिकार्ड दुरुस्ती के एक हजार 165, नक्शा दुरुस्ती 52 हजार 436 और स्वामित्व योजना के 13 हजार 883 प्रकरणों को निराकृत किया गया
भू-अधिकार पत्र, धारणाधिकार के 517 प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण कराया गया। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का भी समयावधि में सकारात्मक निराकरण करने वाले प्रदेश के 10 जिलों में बैतूल शामिल हुआ।
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तहसीलदारों, पटवारियों के विरूद्ध वेतन काटने की कार्रवाई
कलेक्टर सूर्यवंशी ने 2 जनवरी 2024 को अपना पदभार ग्रहण करने के बाद पाया कि जनसुनवाई हो, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन अथवा सीधे शिकायत हो, अधिकतर आवेदन राजस्व प्रकरणों से संबंधित है। किसान हो या आमजन उसे अपने जमीन के सीमांकन, बंटवारे, नक्शे आदि को पूरा करने के लिए खेत में कम उसका ज्यादा समय पटवारी और तहसील के चक्कर लगाने में गुजर जाता है। कलेक्टर सूर्यवंशी ने राजस्व अधिकारियों को अपनी प्राथमिकता से अवगत कराते हुए इन लंबित प्रकरणों के निराकरण के प्रति गंभीरता से समय-सीमा में निराकृत करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने प्रति सोमवार अपनी निश्चित टीएल बैठक में राजस्व संबंधी प्रकरणों की नियमित समीक्षा की गई। इसका परिणाम है कि अल्प अवधि में 90 दिनों में 36 हजार प्रकरण से आशय 400 प्रकरणों का प्रतिदिन निराकरण किया गया। राजस्व प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही बरतने वाले तहसीलदार/नायब तहसीलदार, पटवारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई। उनके वेतन रोके जाने एवं कारण बताओं नोटिस जारी किए गए। जनवरी माह के वेतन आहरण पर रोक लगाई गई। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भी अछूते नहीं रहे।