scriptचार साल बाद खुले सतपुड़ा डैम के 14 गेट | 14 gates of Satpura dam opened after four years | Patrika News
बेतुल

चार साल बाद खुले सतपुड़ा डैम के 14 गेट

कच्चे मकान गिरे, दर्जनों गांवों का संपर्क टूटा, आफत बनी बारिश

बेतुलAug 26, 2019 / 11:05 pm

rakesh malviya

चार साल बाद खुले सतपुड़ा डैम के 14 गेट

चार साल बाद खुले सतपुड़ा डैम के 14 गेट

सारनी. तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। स्टेट हाइवे पर 43 पर दमुआ नाका से राजडोह के बीच पेड़ गिरने के दौरान उड़ान बस अनियंत्रित होकर सडक़ से नीचे उतर गई। जिसमें संवार यात्रियों को मामूली चोट पहुंची है। एसएच पर पेड़ गिरने से कुछ देर के लिए सारनी-छिंदवाड़ा मार्ग बाधित रहा। शहरी और ग्रामीण अंचलों की नीचली बस्तियों के कच्चे मकान धराशायी हो रहे हैं। मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी, वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड के मकानों की छतें टपक रही है। नगरपालिका परिषद कार्यालय, स्कूल भवनों, ऑफिसर्स क्लब, मंगल भवन, बैंक कार्यालय की छतें सीपेज होकर टपक रही है। वहीं नदी, नाले उफान पर होने सेदर्जनों गांवों का संपर्क शहरी क्षेत्र से टूट गया है।सिर्फ शहरी क्षेत्र की ही बात करे तो डेढ़ दर्जन से अधिक कच्चे मकानों को बारिश से नुकसान पहुंचा है।जिनमें निवास करने वाले करीब तीन दर्जन लोगों को नगरपालिका द्वारा मंगल भवनों में ठहराया गया है। जिनके भोजन से लेकर संपूर्ण व्यवस्था नपा द्वारा की गई है। सारनी क्षेत्र में कितनी तेज बारिश हो रही है।इसका अंदाजा महज तीन दिनों में 317 मिलीमीटर बारिश होने से ही लगाया जा सकता है। सोमवार सुबह जलाशय में बाढ़ आने पर सतपुड़ा डैम के 14 गेट 14 फीट की ऊंचाई पर खोल दिए गए।करीब चार घंटे तक जलाशय से 1 लाख 54 हजार क्यूसेक पानी तवा नदी में प्रति सेकंड छोड़ा गया।इसके बाद गेटों की संख्या 7 कर दी गई।बावजूद इसके 8 0 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाता रहा। रविवार सुबह 8 से सोमवार सुबह 8 बजे तक सारनी क्षेत्र में जहां 46 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं सोमवार सुबह 8 से 11 बजे तक तीन घंटे में 78 एमएम बारिश दर्ज की गई।इसी के साथ बरसात का आंकड़ा सारनी क्षेत्र में 1217 मिलीमीटर पर पहुंच गया है। खासबात यह है कि वर्ष 2016 -17 के बाद वर्ष 2019-20 में सतपुड़ा के 14 गेट खोले गए हैं।
दस वार्डों में गिरे मकान –
लगातार हो रही बारिश से शहरी क्षेत्र के 10 वार्डों में पानी घुसने और मकान गिरने व क्षतिग्रस्त होने की घटनाएं हुई है।जिसमें वार्ड नंबर 22, 23, 24, 25, 26 , 27, 28 , 34, 05, 06 नंबर वार्ड शामिल है।सभी वार्डों में नपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सीएमओ, नेता प्रतिपक्ष, स्वच्छता निरीक्षक, पटवारी और बाढ़ अपदा दल के अलावा वार्ड पार्षदों ने निरीक्षण कर राहत पहुंचाई है। सीएमओ सीके मेश्राम ने बताया पीडि़तों को राहत पहुंचाने शोभापुर, पाथाखेड़ा और सारनी में तीन अलग-अलग कैंप बनाए गए हैं। जिसमें शोभापुर में विवेकवाणी मंगल भवन, कालीमाई मंगल भवन, पाथाखेड़ा में शिव मंदिर मंगल भवन और सारनी में शिवाजी प्रांगण व मठारदेव परिसर के मंगल भवन शामिल है।यहां सभी बाढ़ पीडि़तों के ठहरने और भोजन समेत समूचित व्यवस्था नपा द्वारा की गई है। तीनों कैंपों में करीब तीन दर्जन लोग पहुंचे हैं। सीएमओ ने बताया बाढ़ राहत के लिए 45 सदस्यी तीन दल बनाए गए हैं। जो तीनों पालियों में पूरे समय राहत कार्य के लिए उपस्थित है।साथ ही नपा कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है।इधर वार्ड नंबर 5 में राजू संतापे, राजा संतापे के कच्चे मकान गिर गए। वहीं वार्ड नंबर 6 में शांता विश्वकर्मा, आनंद का मकान गिर गया।
छह घंटे रहा भयावाह मंजर
पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश जारी है। लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में अलसुबह से हो रही मूसलाधार बारिश से पहाड़ी नदी में अचानक बाढ़ बढऩा शुरू हुआ।देखते ही देखते बाढ़ ने रौद्र रूप धारण कर लिया।राजडोह नदी के उस पार सिथत दोनों दुकानों में जहां पानी भरा गया। वहीं एसएच की ओर बाढ़ का पानी नर्सरी तक जा पहुंचा।बाढ़ की थपेड़ों से दोनों नाव क्षतिग्रस्त हो गई।इधर सतपुड़ा जलाशय में बाढ़ का पानी पहुंचते ही सुबह 7 बजे 12 गेट 14-14 फीट की ऊंचाई पर खोल दिए गए।यह क्रम 11 बजे तक चला।हालांकि बाढ़ कम नहीं हुई। इसी बीच 8 से 11 बजे तक तीन घंटे में सारनी और जलाशय वाले क्षेत्र में 78 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। 11 बजे के बाद जलाशय के 7 गेटों से 8 0 हजार क्यूसेक पानी शाम 4 बजे तक छोड़ा गया। इसके बाद गेटों की ऊंचाई घटाकर 4-4 फीट कर दी गई।फिलहाल जलाशय का लेवल 1432 फीट मेंटेन किया जा रहा है। वैसे जलाशय की क्षमता 1433 फीट है।
पानी-पानी हुआ स्कूल –
समीपस्थ ग्राम पंचायत मोरडोंगरी का मीडिल स्कूल पानी-पानी हो गया है। रखरखाव नहीं होने से स्कूल की छत टपक रही है। जिससे स्कूल के सभी कक्षों में पानी घुस गया है। दीवार और छत इतनी ज्यादा सीपेज मार रही है कि कब गिर जाए। इसकी कोई गारंटी नहीं है। गांव के सालकराम यादव बताते हैं कि छत पूरी तरह सीपेज हो गई है। जिससे पानी की बूंदे टपक रही है। पानी से बचने स्कूली विद्यार्थियों द्वारा त्रिपाल लगाकर बैठने की व्यवस्था की। लेकिन वह भी काम नहीं आ रहा। पूरा स्कूल भवन सीपेज होने से हर समय हादसे का खतरा बना रहता है। स्कूल की हालत देख ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल भेजने से तक डर रहे हैं। सोमवार को मोरडोंगरी में भी एक कच्चा मकान गिर गया। लगातार हो रही बारिश से शोभापुर गांव होते हुए पुनर्वास कैंप चोपना पहुंच मार्ग करीब 6 5 घंटे सें बंद है। वहीं शिवनपाट मार्ग बंद तीन दिनों से अधिक समय से बंद है।लोनिया पंचायत पहुंचने का एक मात्र साधन नाव है।लगातार हो रही बारिश से राजडोह नदी में नाव चालन दो दिनों से बंद है। रविवार शाम के समय बाढ़ उतरने पर कुछ देर नाव चालन हुआ। सोमवार सुबह एसएच पर पेड़ गिरने से सारनी-छिन्दवाड़ा मार्ग भी कुछ देर बंद रहा।

इनका कहना –
जलाशय का लेवल बढ़ते ही सभी 14 गेट फ्री कर दिए गए। सतपुड़ा डैम की जल भरण क्षमता 1433 फीट है। जिसे 1432 फीट पर मेंटेन किया जा रहा है।सुबह 7 से 11 बजे तक 14 गेट खुले रहे। अब तक 1217 एमएम बारिश दर्ज की गई है।
संजय पेंडोर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, सिवि, सतपुड़ा सारनी।

Hindi News / Betul / चार साल बाद खुले सतपुड़ा डैम के 14 गेट

ट्रेंडिंग वीडियो