ब्यावर-किशनगढ़ सिक्सलेन व ब्यावर-पिंडवाड़ा फोरलेन के बीच में कुछ हिस्सा अब भी पेड शोल्डर ही है। जबकि सिक्सलेन व फोरलेन को जोडऩे वाला यहीं हिस्सा है। यहां पर यातायात का दबाव रहता है। वाहन भी तेज गति से आते है। इससे आए दिन हादसे होने की आशंका बनी रहती है। दो दिन पहले भी मोटरसाइकिल को बचाने के लिए रोडवेज बस चालक ने बे्रक लगाए। इस दौरान पीछे से आ रहे ट्रक ने रोडवेज के टक्कर मार दी। इससे रोडवेज में सवार करीब छह सवारियां चोटिल हो गई। जबकि बुधवार शाम को ही सोलह मिल चौराहा के पास ट्रक ने मोटरसाइकिल के टक्कर मार दी। इससे मोटरसाइकिल सवार दो जने घायल हो गए।
दुपहिया वाहन 1 लाख 21 हजार 374कार 13 हजार 962
टैक्सी व जीप एक हजार 299
तिपहिया वाहन एक हजार 683ट्रक 3 हजार 947
डम्पर 443
बस 363
ट्रेक्टर 4 हजार 154
अन्य 2 हजार 832
(आंकड़े जिला परिवहन कार्यालय ब्यावर के )
आगार की कई बसे कंडम होने की स्थिति में है। ऐसी बसे भी राजमार्ग पर दौड रही है। जबकि इन बसों में आए दिन खराबी आने की समस्या रहती है। ब्यावर आगार की भी करीब छह बसें कंडम हो चुकी है। इसके बावजूद अब तक यह बसें संचालित हो रही है। जबकि प्राइवेट बसे भी कंडम होने के बावजूद कमाने के लालच में लोगों की जान सांसत में डालकर चला रहे है।
जिला परिवहन अधिकारी देवीचंद ढाका ने बताया कि वाहनों की जांच कर फिटनेस नहीं करवाने वाले वाहनों की पांच हजार रुपए का जुर्माना वसूला जाता है। अनफिट वाहन सड़कों पर नहीं दौड़े, इसके लिए समय-समय पर जांच की जाती है।