अक्सर हमारे फेस पर मुंहासे निकल आते है जो हमारे लिए चिंता का विषय बन जाता है। और ये मुंहासे लंबे समय तक रहते हैं तो ये हमारी खूबसूरती के लिए परेशानी का कारण बन जाता है ।
मुंहासों का उपचार करने के लिए लोग तरह तरह के उपाय करते है । जिसमे सबसे पहला उपाय वो मुंहासों को फोड़ कर उसमे भरा सारा मवाद बाहर निकालने का करते है ।और मुंहासों को फोड़ने के लिए तौलिए का प्रयोग करते है ।जिससे उन्हें थोड़ी देर के लिए राहत तो मिल जाती है पर इसके परिणाम स्वरुप उन्हें इससे होने वाले दुष्प्रभाव को भी झेलना पड़ता है।
यह भी पढ़ें-अब शार्प और पॉइंटेड नोज शेप के लिए अब नहीं करवानी पड़ेगी सर्जरी 1. बाथरूम में इस्तेमाल होने वाले तौलिए में बहुत कीटाणु हो सकते हैं । और उसी तौलिए का इस्तेमाल हम मुंहासों को फोड़ने में कर लेते है जिससे इन्फेक्शन होने और फैलने का खतरा होता है।
2. तौलिए का स्टफ अगर अच्छा नहीं हो तो रगड़ने की वजह से मुंहासों के आस-पास की स्किन भी छिल जाती है। जिससे उसमे जलन होने लगती है ।
2. तौलिए का स्टफ अगर अच्छा नहीं हो तो रगड़ने की वजह से मुंहासों के आस-पास की स्किन भी छिल जाती है। जिससे उसमे जलन होने लगती है ।
यह भी पढ़ें-कांच की तरह ग्लो करने लगेगी आपकी स्किन 3. तौलिए का ज्यादा इस्तेमाल करने से चेहरे में सूखापन और मुंहासों की समस्या और बढ़ सकती है।
4 पिंपल्स को हाथो से दबा कर फोड़ने से नाखून में जो बैक्टीरिया लगे होते है। जो हमारी स्किन में ट्रांसफर हो जाते हैं । और इससे हमें चेहरे को लेकर एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
4 पिंपल्स को हाथो से दबा कर फोड़ने से नाखून में जो बैक्टीरिया लगे होते है। जो हमारी स्किन में ट्रांसफर हो जाते हैं । और इससे हमें चेहरे को लेकर एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
यह भी पढ़ें-अगर आप भी चाहते हैं कृति सेनन जैसी चमकती स्किन तो अपनाएं ये 6 ब्यूटी टिप्स 5 हमारी स्किन का डैमेज होना रैशेज घाव सूजन पिंपल्स या मुंहासों का बार बार होना स्किन का डल पड़ जाना आदि ।
6. पिंपल्स और मुंहासों को फोड़ने पर हमे उससे होने वाले दर्द को भी सहना पड़ता है।
7. कभी कभी तो वो दर्द इतना बढ़ जाता है की हमे हंसने बोलने और अपने दैनिक कार्यों में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
6. पिंपल्स और मुंहासों को फोड़ने पर हमे उससे होने वाले दर्द को भी सहना पड़ता है।
7. कभी कभी तो वो दर्द इतना बढ़ जाता है की हमे हंसने बोलने और अपने दैनिक कार्यों में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।