कभी चौधरी परिवार की बसपा में तूती बोलती थी। साल 2009 में रामप्रसाद बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे तो भतीजे अरविंद बसपा से सांसद हुआ करते थे। चाचा का बसपा से मनमुटाव हुआ तो भतीजे ने भी पार्टी से तौबा कर लिया। इसके अलावा चौधरी खेमे के पूर्व ब्लाक प्रमुख गुलाब चंद्र सोनकर, पूर्व प्रमुख राजमणि चौधरी, पूर्व प्रमुख वीरेंद्र चौधरी, पूर्व प्रमुख अजय सिंह, पूर्व जिला पंचायत सदस्य तिलकराम चौधरी ने सामूहिक रूप से पार्टी से इस्तीफा दिया है। पार्टी छोड़ने वाले बसपा कार्यकर्ताओं में राजेश चौधरी, डा. वीरेंद्र कुमार यादव, गुलाला चौधरी, सुनील चौधरी, पिंटू, राजकुमार चौधरी, दीपांकर गौतम, रामप्रसाद चौधरी, विजय चौरसिया, घमालू उर्फ रामनरेश चौधरी, दिनेश सोनकर, पप्पू चौधरी, पप्पू सोनकर, सूर्यनाथ गुप्त, बाल गोविद सोनकर, प्रभा वर्मा आदि शामिल रहे।
वहीं जिलाध्यक्ष बसपा संजय धूसिया ने बताया कि उन्हें अभी किसी का इस्तीफा नहीं मिला है और न बिना उनके अप्रूवल के किसी भी बसपा नेता या कार्यकर्ता का इस्तीफा मंजूर होगा। कहा कि बसपा में इस्तीफा लेने और किसी के निष्कासन का अधिकार सिर्फ उन्हें ही है। उन्होंने दावा किया कि बसपा के पूर्व सांसद अरविंद चौधरी सहित जिन पार्टी नेताओं के निष्कासन की खबर आ रही है वह बिल्कुल गलत है।
बसपा के पूर्व सांसद रहे अरविंद चौधरी ने इस्तीफे के सवाल पर कहा कि वो अपने कई कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस्तीफा भेज चुके है। उन्होंने कहा कि चूंकि वो बसपा जिलाध्यक्ष हैं इसलिये वो हमारे खिलाफ ही बोलेंगे, हमें उनसे कोई मतलब नहीं। वहीं पूर्व ब्लॉक प्रमुख ने कहा कि अभी सैकड़ों बसपा कार्यकर्ता बसपा छोड़ेगे।
By Satish Srivastava