मिली जानकारी के अनुसार पुलिस नक्सल विरोधी अभियान के तहत पुलिस दो दिन पहले नक्सली सर्चिंग के लिए निकली थी। ऑपरेशन प्रहार में नक्सलियों को मार गिराने के लिए पुलिस का ये सर्च अभियान अभी तक जारी है। ज्ञात हो कि, बीजापुर जिला मुख्यालय से मात्र सात किलो मीटर की दूरी पर डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड एवं एसटीएफ के जवानों की एक संयुक्त टुकड़ी नक्सल विरोधी अभियान के तहत मनकेली के जंगलों में दो दिन पहले नक्सलियों की सर्चिंग मेें निकली थी।
जवानों की टीम सर्चिंग करने के बाद जब वापस आ रही थी तो जैसे ही मनकेली के जंगलों में पहुंची वैसे ही घात लगाए नक्सलियों ने जवानो पर हमला बोल दिया। जवानों को कुछ समझ आता इससे पहले नक्सलियों ने फायरिंग चालू कर दी, जवानों ने भी तत्परता दिखाई और अपने को बचाते हुए पेड़ो की आड़ लेकर नक्सलियों के फायरिंग का मुंह तोड़ जवाब दिया।
नक्सलियों द्वारा अचानक से की गई फायरिंग में नक्सलियों ही नुकसान का सामना करना पड़ा पुलिस के जवान नक्सलियों पर भारी पड़ गए और तीन नक्सलियों को मार गिराया। और धीरे धीरे नक्सलियों की ओर से फायरिंग बंद हो गई। और नक्सली भाग खड़े हुए। जैसे ही नक्सलियों की ओर से फायरिंग बंद हुई वैसे ही जवानों ने तत्परता दिखाते हुए उनका पीछा किया।
मुठभेड़ खत्म होने के बाद नक्सलियों भाग गए फिर जब जवानों ने घटनास्थल का मुआयना किया तो उन्हे एक इंसास राइफल, एस एसएलआर एक भरमार बंदूक, एक हैंड ग्रेनेड, तथा नक्सली साहित्य सहित वायर आदि बरामद हुआ है। और अन्य नक्सली उपयोगी सामान बरामद हुआ है।
तीनो नक्सलियों के शव को मुख्यालय लाते समय रुक रुक कर फायरिंग कर पार्टी को रोकने की नाकाम कोशिश की जिसके चलते शाम चार बजे पार्टी वापस आ पाई। शाम को नक्सलियों के शवों का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। तब तक शवों की शिनाख्त नही हो पाई थी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया कि मारे गए नक्सली मिल्ट्री प्लाटून के सदस्य हैं और घटना स्थल से खून के धब्बे भी मिले जिससे कुछ और नक्सलियों के मारे जाने और घायल होने की भी संभावना हैं।