ग्रामीण बताते हैं कि क्षेत्र में जब कभी ओलावृष्टि होती है, तो किसान आपदा से बचने के लिए काशी भैरव नाथ का शंखनाद करते हैं।इतना ही नहीं किसी को अपने खेत में पानी के लिए कुआं खुदवाना हो या बोरिंग लगवाना हो, तो काशी भैरव नाथ के पहले धोक लगाते हैं। मान्यता है किक किसान अपने खेत में चार जगह पर चार अलग-अलग प्रकार के अनाज रखता है वहीं चार प्रकार के अनाज भैरवनाथ के सामने भी रखता हैै।
आज किया विशेष शृंगारसमिति के अनुसार मंदिर का जीर्णोद्धार वर्ष 1992 में किया गया। आज यहां दशहरा पर शृंगार किया गया। नवयुवक मंडल के गुडला दयाराम गुर्जर, विष्णु शर्मा, अजय चौधरी, पोखरमल जाट, रामस्वरूप जाट और पुजारी छोटी लाल कुम्हार ने विजयादशमी पर्व की व्यवस्थाओं को पूरा करते हुए काशी भैरव नाथ का शृंगार किया।