राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मतदान केन्द्र स्थापित किए जाएं। प्रत्येक बूथ में 1100 से अधिक मतदाता नहीं होंगे और सपूर्ण वार्ड एक ही बूथ पर रहेगा। अलग-अलग बूथों पर मतदाता नहीं बांटे जाएंगे। मतदान बूथों की क्रम संख्या पंचायत समितिवार होगी और सभी मतदाताओं की सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश की सभी पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल अगले वर्ष 2025 में विभिन्न माह में समाप्त होने जा रहा है। कुछ संस्थाओं का कार्यकाल जनवरी में जबकि कुछ का मार्च, सितंबर और कुछ का अक्टूबर के मध्य समाप्त होगा। ऐसे में विभाग ने चुनावी प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
गत मतदान केन्द्रों को बना रहे आधार
निर्वाचक नामावलियों का पुनरीक्षण कार्यक्रम आयोग जल्द ही जारी करेगा। इस पुनरीक्षण में एक जनवरी 2025 की अर्हता तिथि को ध्यान में रखा जाएगा। पंचायत की वार्डवार मतदाता सूची तैयार करने के लिए प्रगणकों की आवश्यकता होगी। प्रगणकों की संख्या के आकलन के लिए गत आम चुनाव में स्थापित मतदान केन्द्रों की संख्या को आधार बनाया जा रहा है।
इस तरह होगी प्रगणकों की नियुक्ति प्रक्रिया
प्रगणकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी स्पष्ट की गई है। प्रत्येक ग्राम पंचायत के तीन या चार वार्डों के लिए 1100 मतदाता पर एक प्रगणक की नियुक्ति होगी। एक प्रगणक को एक से अधिक पंचायतों के वार्ड आवंटित नहीं किए जाएंगे। संभव हुआ तो बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की ही प्रगणकों के पद पर नियुक्ति की जाएगी। संबंधित ग्राम पंचायत में पदस्थापित कार्मिक को उसी वार्ड का प्रगणक बनाना प्राथमिकता होगी। सभी प्रगणकों का किसी भी राजनीतिक दल से संबंध नहीं होना चाहिए और उनकी नियुक्ति प्रक्रिया 7 दिनों में पूरी करनी होगी, साथ ही 10 प्रतिशत अतिरिक्त कार्मिकों की सूची भी तैयार रखी जाएगी।