जमवारामगढ़ उपखंड कार्यालय परिसर में बने तहसीलदार कार्यालय भवन पर्याप्त नहीं होने से अधिकारियों और किसानों को परेशानी होती है। तहसीलदार कार्यालय में रिकॉर्ड के रखरखाव के लिए रूम नहीं होने से सारा रिकॉर्ड कार्यालय से करीब डेढ़ किमी दूर पुरानी तहसील कार्यालय में ही है। ऐसे में किसी राजस्व कार्य के लिए पुराने रिकॉर्ड की आवश्यकता पड़ने पर 3 किमी का चक्कर लगाना पड़ता है।
कई बार काश्तकार को देते है तीन-चार दिन बाद समय…
पुराना रिकार्ड संबंधी नकल का आवेदन आते ही काश्तकार को तीन चार दिन बाद नकल मिलने के लिए कह दिया जाता है। कर्मचारियों को रिकॉर्ड लाने के लिए दिन में कई बार चक्कर लगाने पड़ते हैं। आने-जाने की दूरी तीन किलोमीटर से भी अधिक है। नए भवन में रिकॉर्ड रूम नहीं होने से काश्तकारों को असुविधा का सामना करना पड़ता है।
इसी तरह कार्यालय में तहसीलदार व नायब तहसीलदार कार्यालय के लिए भी कक्ष नहीं है। तहसीलदार व नायब तहसीलदार तहसील के छोटे से कक्ष में बैठकर प्रशासनिक कार्यों को निपटाते हैं। जिससे छोटे से कक्ष में दिनभर भीड़ लगी रहती है। तहसीलदार व नायब तहसीलदार न्यायालय कक्ष भी अलग-अलग नहीं है।
एक कक्ष में ही न्यायालय चल रहे हैं। जिससे दोनों अधिकारियों को सरकारी कामकाज निस्तारण में परेशानी होती है। नए तहसील कार्यालय भवन में रिकार्ड रूम बनवाने, तहसीलदार व नायब तहसीलदार के लिए अलग-अलग कार्यालय व न्यायालय कक्ष भवन बनवाने के लिए तहसीलदार की ओर से कई मांग पत्र जिला कलक्टर व राजस्व बोर्ड को भिजवाए जा चुके हैं। 9 वर्ष से किसानों ओर अधिकारियों को इस समस्या से दो चार होना पड़ रहा है।
इनका कहना है
पूरा तहसील भवन ही नए सिरे से बनना चाहिए। भवन अपर्याप्त होने से असुविधा का सामना करना पड़ता है। भवन बनवाने के लिए उच्चाधिकारियों को समय-समय पर अवगत कराया गया है।
ज्ञानचंद जैमन, तहसीलदार, जमवारामगढ़
नया तहसील भवन अपर्याप्त है। न्यायालय व अधिकारी कक्ष अलग-अलग होने चाहिए। रिकॉर्ड रूम से रिकार्ड लाने में तीन किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। पंचायत समिति की साधारण सभा में प्रस्ताव पारित कर भवन निर्माण के लिए राजस्व मंडल को भिजवाया जाएगा।
रामजीलाल मीना, प्रधान, जमवारामगढ़
नए भवन में रिकार्ड रूम नहीं होने से सबसे अधिक किसान प्रभावित होते हैं। रिकार्ड रूम तहसील का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें राजस्व संबंधी सारा रिकॉर्ड रहता है। रिकॉर्ड रूम तहसील भवन में ही रहना चाहिए।
सांवरमल मीना, तहसील अध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान सभा जमवारामगढ़