पुलिस ने तीन चक्र गोलियां चलाकर सलामी दी। स्वतंत्रता सेनानी सुधाकर 95 साल से अधिक आयु के थे। (freedom fighter radha gopal sudhakar ) सुधाकर स्कूल शिक्षा के दौरान ही महात्मा गांधी के आंदोलनों से प्रेरित होकर देश की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए थे। वह प्रजामंडल में सक्रिय रहे। वे कई बार जेल भी गए।
जानकारी अनुसार कचौलिया रोड स्थित निवास पर स्वतंत्रता सेनानी सुधाकर ने बुधवार सुबह अन्तिम सांस ली। इसकी खबर मिलते ही बड़ी संख्या में लोग उनके निवास पर पहुंचे। (freedom fighter radha gopal sudhakar ) भाजपा विधायक व पालिकाध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में लोगों ने पुष्प चक्र भेंट किए। साथ ही पुष्पांजलि अर्पित की। उपखंड अधिकारी ने स्वतंत्रता सेनानी की पार्थिव देह पर तिरंगा चढ़ाया गया। पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
पुलिस बैण्ड की धुनों पर दोपहर 12 बजे उनकी अन्तिम यात्रा मोरीजा रोड स्थित श्मशान स्थल के लिए रवाना हुई उनके ज्येष्ठ पुत्र रमाकांत शर्मा ने उनको मुखाग्नि दी। (radha gopal sudhakar) वह प्रजामंडल में सक्रिय रहे। एक बार तो चलते स्कूल के दौरान ही चले जाने के कारण मास्टरजी की डांट खानी पड़ी। कई बार जेल भी गए। कभी हार नहीं मानी। उन्होंने कहा था कि लोग आजादी मिलने के मायने भूलकर राष्ट्रवाद के बजाय व्यक्तिवाद को महत्व दे रहे हैं, जो देश के लिए खतरा है।
95 साल से अधिक आयु होने के कारण अस्वस्थता के कारण डेढ़-दो साल से ज्यादातर बिस्तर पर ही रहते थे। (radha gopal sudhakar) सुधाकर ने जीवन भर गांधी टोपी पहनी और खादी से बने कपड़ों को ही धारण किया। उनकी पत्नी फूली देवी का देहांत वर्ष 2016 में हो गया था। उनके 3 पुत्र और दो पुत्रियों में से एक पुत्री और एक पुत्र का देहांत हो चुका है।