शाहपुरा विधानसभा सीट पर पहली बार प्रत्याशी तय करने में देरी हो रही है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी प्रत्याशी चुनाव को लेकर सियासी उलझन में फंसी हुई। दोनों ही पार्टी टिकट तय नहीं कर पा रही है। दोनों ही दलों से टिकट की मांग कर रहे दावेदारों ने दिल्ली तक खूब भागदौड़ लगा रहे हैं। टिकट वितरण में हो रही दावेदारों की और ज्यादा बेचैनी बढ़ा रही है। यहां पर जातिगत समीकरण हावी होने के दोनों ही पार्टियां जिताऊ उम्मीदवार उतारने को लेकर कशमकश की स्थिति में है। इधर, लोगों में यह चर्चा भी होने लगी है कि दोनों ही दल अपने पुराने सिपहसालारों को ही टिकट देकर मैदान में उतारेगी या फिर नए चेहरों को मौका देगी।
लोगों का कहना है कि विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। लेकिन अभी तक टिकट फाइनल नहीं हो पाए है। 2018 विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने नामांकन से एक दिन पहले टिकट फाइनल किया था। सोशल मीडिया पर दिनभर टिकट को लेकर चलने वाली पोस्ट कार्यकर्ताओं की धड़कनें बढ़ रही है। असमंजस की स्थिति तो दोनों ही पार्टियों के टिकट घोषित होने के बाद ही शाहपुरा विधानसभा सीट की तस्वीर साफ हो पाएगी।