बता दें कि प्रदेश के
बड़वानी जिले के पानसेमल ब्लॉक के मलफ़ा में स्थित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा 10वीं में पूरे बच्चे फेल हुए हैं तो वहीं कक्षा 12वीं के मात्र 15 फीसदी छात्र ही बोर्ड परीक्षा में पास हुए हैं। इसके अलावा पिपरानी हाई स्कूल में कक्षा 10वीं के सभी चात्र फेल हो गए। इन दोनों स्कूलों की इतनी खराब रिपोर्ट सामने आने के बाद अब शिक्षा विभाग ने भी इनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया है।
यह भी पढ़ें- कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार वाहन में तोड़फोड़, होर्डिंग भी फाड़ दिए, जानें वजह शिक्षा विभाग का सख्त एक्शन
बीईओ अरुण मिश्रा ने पानसेमल के मलफ़ा में स्थित स्कूल का दौरा किया। यहां कक्षा 12वीं में आर्ट्स और साइंस के मिलाकर कुल 89 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। ये सभी बोर्ड परीक्षा में शामिल भी हुए। 81 स्टूडेंट्स एग्जाम में पूरी तरह फेल हो गए, जबकि 4 की सप्लीमेंट्री आई है। इस स्कूल के पूरे स्टाफ को निलंबित कर दिया गया है। असिस्टेंट कमिश्नर ट्राईबल वेल्फेयर डिपार्टमेंट बड़वानी और डिप्टी कमिश्नर को जांच रिपोर्ट भेजी गई है। पूरी जांच होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
परिजन भी नाराज
बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद पूरे मलफ़ा गांव के लोगों में नाराजगी है। परिजन प्रिंसिपल और शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि क्लास के एक, दो, दस या आधे बच्चे भी फेल हो जाते तो बच्चों की कमी मानी जा सकती थी, लेकिन पूरे के पूरे बच्चे ही फेल हो गए, ये तो सीधे तौर पर स्कूल सिक्षकों की लापरवाही है। बच्चों को परीक्षा की तैयारी के लिए सही मार्गदर्शन नहीं दिया गया। छात्रों के फेल होने के बाद कई परिजन तो स्कूल के बाहर प्रदर्शन करने तक पहुंच गए। वहीं, दूसरी तरफ स्कूली छात्रों ने भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यहां शिक्षक हर रोज कोई न कोई बहाना बनाकर पढ़ाते नहीं हैं। यह भी पढ़ें- सड़क पर चलते समय सावधान! पलक झपकते ही बुजुर्ग महिला से लूट, वारदात से पुलिस भी हैरान, VIDEO क्या कहते हैं स्कूल प्राचार्य ?
वहीं, मामले को लेकर स्कूल प्राचार्य आलोक सीसोदिया का कहना है कि छात्रों को सब्जेक्ट वाइज़ शिक्षकों से नहीं पढ़वाया गया। उन्होनें कहा कि आर्ट्स के बच्चों की नींव कमजोर होने के कारण वो फेल हुए हैं। छात्रों को लिखना तक नहीं आता। बता दें कि इस स्कूल का 10वीं का रिजल्ट भी कुछ खास नहीं रहा। 75 में से 5 बच्चे ही पास हुए हैं। इस मामले से कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसकी जांच जारी है। स्कूल प्राचार्य ने कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन की बात भी कही है।