बड़वानी। ठगों ने आजकल ऑनलाइन ठगी का तरीका बदल लिया है। कई बार वे बैंक मैनेजर की जगह निर्वाचन अधिकारी बनकर फोन करते हैं। या आपके गूगल या फोनपे के अधिकारी बनकर बात करते हैं। आपको समझाते हुए आपसे मोबाइल पर ऐसा एप डाउनलोड करने की कहते हैं, जिसे मोबाइल में लोड करते ही आपके खाते से रुपया निकलना शुरू हो जाता है। यह मोबाइल एप है एनी डेस्क। आप भी इस एप से सतर्क रहें।
यह मोबाइल एप डाउनलोड होते ही आपके मोबाइल का पूरा कंट्रोल सिस्टम सामने वाले के हाथ में चले जाता है। इसके बाद वो आपका पूरा बैंक अकाउंट खाली कर सकता है। मध्यप्रदेश में ऑनलाइन फ्राड के केस लगातार बढऩे लगे है। ऐसा ही एक मामला बड़वानी में सामने आया है। यहां के एक व्यक्ति को उसके गूगल से फोन पे का फर्जी हेल्पलाइन नंबर प्राप्त कर अज्ञात व्यक्ति ने लिंक भेजी। इसके बाद फरियादी ने एनीडेस्क ऐप डाउनलोड किया। उसके बाद जालसाज ने फरियादी से पिन कोड प्राप्त कर खाते से 34000 निकाल लिए। इसके बाद फरियादी ने साइबर सेल से गुहार लगाई। साइबर सेल ने जांच में पाया कि ट्रांजेक्शन में उक्त राशि यूपीआई के माध्यम से कुबेरा फेंटेसी गेम कंपनी को हस्तांतरित हुई है।
एसपी दीपकुमार शुक्ला, एएसपी आरडी प्रजापति के निर्देशन में साइबर सेल ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित मर्चेट को सूचित कर उक्त राशि का हस्तांतरण रुकवाया और फरियादी के खाते में 27894 रुपए तत्काल वापसी करवाई।
वहीं ग्राम रेहगून निवासी एक ढाबा संचालक बलराम परमार को फोन पर अज्ञात व्यक्ति ने सेंधवा में ला एंड ऑर्डर ड्यूटी का बोलकर लगातर ओटीपी पूछकर आवेदक के खाते से एक लाख 20 हजार रुपए निकाल लिए।
इसकी शिकायत पर साइबर सेल ने तत्काल ट्रांजेक्शन का अवलोकन कर पाया कि उक्त राशि यूपीआई के माध्यम से अलगअलग मर्चंट को हस्तांतरित हुई है। इसके बाद साइबर सेल ने कार्रवाई करते हुए संबंधित मर्चंट को सूचित कर फरियादी के खाते में वापस 32 हजार रुपए का हस्तांतरण रुकवाकर वापस खाते में करवाया। वहीं शेष राशि के हस्तांतरण की भी जांच की जा रही है।