आखिरी वक्त तक नहीं छोड़ा मां का हाथ, मां के साथ ही विदा हुआ दस साल का मासूम बेटा नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में पहुंचे लोग ग्राम पिछोड़ी, बिजासन, राजघाट आदि डूब गांवों से आए है। नबआं के पवन यादव ने बताया कि मंगलवार को नर्मदा घाटी के किसान, मजदूर, मछुआरों, कुम्हार अपनी मांगों को लेकर एनवीडीए कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान भू अर्जन व कार्यपालन यंत्री से चर्चा में पिछोड़ी व बिजासन बसाहट में प्लाट को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद प्रभावितों ने कार्यालय के बाहर डेरा जमा लिया है।
पहले दुल्हन के प्रेमी को गोली मारी, फिर दूल्हे ने लिए सात फेरे प्रभावितों ने बताया कि वर्ष 2019 की डूब में जिन विस्थापितों के मकान डूब प्रभावित हुए उन विस्थापितों के मुद्दे पर भी भूअर्जन अधिकारी का कहना है, कि सबको मकान बनाने के लिए 5.80 लाख का लाभ दे दिया है। जबकि आज भी सैकड़ों लोग बाकी हैं, जिनके मकानों तक बेकवाटर पहुंचा है। गेंदालाल पिता धनसिह ने बताया कि मकान पूर्ण डूब में होने के बावजूद जबरन बिना आधार के कारण बताकर अपात्र कर दिया, जो अन्याय है।
कॉलेज में बिल्कुल मुफ्त में होगी पढ़ाई, इन स्टूडेंट्स को मिलेगी सुविधा टिनशेड वाले भी तक रहे न्याय की राहइसी तरह संपूर्ण डूब के बाद कई तटीय प्रभावितों को दल-बल के दम पर टिनशेडों में भेजा गया था। उनके हक का भी अब तक कोई निराकरण नहीं किया गया। 10 बाय 10 के टिनशेड में कुछ माह भोजन दिया। उसके बाद से सरकार व विभाग सुध लेने नहीं आया। बिजली कनेक्शन तक काट दिया था।