अनूसूचित जनजाति के लिए आरक्षित बड़वानी सीट पर 2018 के चुनाव में बीजेपी के भारतीय जनता पार्टी के प्रेम सिंह पटेल को जीत मिली थी। उस चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय रहा। तब चुनाव में बीजेपी के प्रेम सिंह को 88,151 वोट मिले थे जबकि निर्दलीय प्रत्याशी रंजन मांडलोई के खाते में 49,364 वोट आए थे। वहीं कांग्रेस के रमेश पटेल को 34,084 वोट ही मिले। प्रेम सिंह को 38,787 मतों के अंतर से जीत मिली।
वोटर्स
2023 के चुनाव में बड़वानी सीट पर कुल 2,35,654 हैं। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,18,744 तथा महिला मतदाताओं की संख्या 1,16,908 है।
राजनीतिक इतिहास
बड़वानी सीट का इतिहास बताता है कि 2008 के परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई। तब बीजेपी के प्रेम सिंह पटेल ने कांग्रेस के राजन को हराया था। इसके बाद 2013 के चुनाव में रमेश पटेल ने प्रेम सिंह पटेल को कड़े मुकाबले में 10,527 मतों के अंतर से हराया। हालांकि 2018 के चुनाव में प्रेम सिंह पटेल ने वापसी की और दूसरी बार यहां से विधायक बने।
जानें क्यों कहा जाता था पेरिस
बड़वानी का नाम बड़ के वन से पड़ा। एक समय था जब पूरा शहर बड़ से घिरा था, जबकि वानी शब्द का अर्थ है बगीचा। इसलिए इस शहर का नाम बड़वानी पड़ गया। बड़वानी का मतलब बड़ का बगीचा होता है। अंग्रेजों के दौर में बड़वानी शहर को निमाड़ का पेरिस कहा जाता था। बड़वानी का तीरगोला के नाम से एक ऐतिहासिक प्रतीक है जो सागर विलास पैलेस के सामने है। इसका निर्माण राजा रणजीत सिंह के दिवंगत बेटे की याद में किया गया था।
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