उन्होंने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष में हम सभी युवाओं को नई तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ विशेष रूप से पर्यावरण का भी ध्यान रखते हुए अनुकूल मात्रा में एवं सीमित मात्रा में खाद्य उर्वरक का उपयोग करना चाहिए।बकरी पालन का व्यवसाय सर्वोत्तम एवं लाभ प्राप्त करने का स्रोत है। सभी युवाओं को पुराने तरीकों को छोडक़र वैज्ञानिक ढंग से बकरी पालन करना चाहिए। मुख्य अतिथि थानाधिकारी गुड़ामालानी मूलाराम ने कहा कि विक्रेताओं को प्रेरित किया जाए कि वे अपने व्यापार को किसानों के हित में बढ़ा सके। कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. प्रदीप पगारिया ने केन्द्र की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रतिभागियों को अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, ईमानदारी के साथ कृषि के व्यवसाय को पूर्ण मनोयोग से करना चाहिए।
डॉ. बाबूलाल जाट कहा कि सभी विक्रेताओं को एक किसान मित्र की तरह किसानों के साथ व्यवहार करना चाहिए। प्रमाणिक बीज का प्रयोग करना चाहिए। डॉ. हरिदयाल चौधरी ने बागवानी में विभिन्न समस्याओं के बारे में जानकारी देते हुए कीटनाशकों के कम प्रयोग की बात कही।
डॉ. रावताराम ने कहा कि ग्रामीण युवाओं में इस तरह के कौशल विकास से उनका आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायता मिलेगी। गंगाराम माली ने धन्यवाद ज्ञापित किया।