लालच ने बताई पाइप बिछाने की राह औद्योगिक क्षेत्र स्थित कारखानों में पूर्व में पानी समीपवर्ती बिठूजा, भिण्डाकुआ, आसोतरा, इन्द्राणा गांवों से टैंकर से परिवहन कर लाया जाता था। दूरी तय करने में लगने वाले समय व कम मुनाफा मिलने के कारण जल माफियाओं ने नया तरीका इजाद किया। बिठूजा सरहद स्थित कृषि कुंओं से बालोतरा तक लूनी नदी की तलहटी में पाइप लाइन बिछा दी। छतरियों का मोर्चा पर पानी के स्टॉक के लिए हौद बनाकर यहां से टैंकर भरवाने का कार्य शुरु कर दिया। ऐसे में औद्योगिक क्षेत्र से महज दो किलोमीटर की दूरी में पानी मिलने से अधिकांश टैंकर चालक यहीं से पानी का परिवहन करने लगे। इसे देखते हुए अन्य जलमाफियाओं ने भी कृषि कुंओं से पाइप लाइन लूनी नदी की तलहटी में बिछा दी। वर्तमान में एक दर्जन से अधिक पाइप लाइनें लूनी नदी के बहाव क्षेत्र में से होकर गुजर रही है।
लोग भले ही परेशान हो अधिकारियों को नहीं परवाह डार्क जोन क्षेत्र में अवैध जल दोहन करना तो दूर ट्यूबवेल या कुंआ खोदने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ती है। जलस्तर कम होने से क्षेत्रवासियों को पानी के लिए तरसना नहीं पड़े, इसलिए क्षेत्र को डार्कजोन घोषित किया गया है। हर रोज लाखों लीटर पानी अवैध दोहन कर बेचा जा रहा है, इस स्थिति से उपखंड प्रशासन अच्छी तरह से वाकिफ है, लेकिन कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इससे डार्कजोन क्षेत्र में आने वाले समय में पेयजल किल्लत को लेकर रहवासियों को भारी परेशानी उठानी पड़ेगी, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी परवाह नहीं है।
पता नहीं या जान बूझकर अपना रखी है अंधेरगर्दी छतरियों का मोर्चा पर संचालित हो रहे हौद हो या लूनी नदी की तलहटी में अवैध तौर से बिछाई गई पाइप लाइनें। प्रशासन की निगाहों से कुछ भी छुपा नहीं है। रहवासियों ने भी इस संबंध में कई बार शिकायतें की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे स्पष्ट तौर पर समझा जा सकता है कि उपखंड व जिला प्रशासन या तो इस स्थिति से नावाकिफ है, या फिर प्रशासन की शह पर जलमाफिया पनप रहे हैं।