जिसका कार्य होता है स्कूल खुलने पर घण्टी बजाने से लेकर सफाई करना, पानी भरना व छुट्टी होने पर स्कूल बंद करना। लेकिन वर्तमान में प्रदेश के शिक्षा विभाग में केवल उच्च माध्यमिक विद्यालयों तक ही ये पद सीमित रह गया है। उसमें भी 75 फीसदी पद रिक्त चल रहे हैं जिसके कारण विद्यालय में ये सभी कार्य या तो विद्यार्थियों को या स्वयं शिक्षकों को करने पड़़ते हैं। छोटे विद्यालयों में तो ये कार्य शिक्षकों को स्वयं करने पड़ते हैं। वहीं बड़ी कक्षाओं के बच्चों से भी कार्य करवाना अध्यापकों की मजबूरी हो गई है।
सभी विद्यालयों में हो चपरासी के पद और भर्ती भी निकले
प्रदेश के सभी विद्यालयों में सहायक कर्मचारियों के पद स्वीकृत किए जाने चाहिए । लम्बे समय से सहायक कर्मचारियों के रिक्त चल रहे पदों को भरने के लिए सीधी भर्ती निकाली जानी चाहिए। ताकि विद्यालयों में सहायक कार्यो को करने में आसानी रहे।
बसन्त कुमार जाणी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा