scriptआत्मा की आधारशिला सद्गुणों का सुवास | The cornerstone of the soul is the aroma of virtues | Patrika News
बाड़मेर

आत्मा की आधारशिला सद्गुणों का सुवास

मंगलाचरण के साथ प्रवचन का आगाज

बाड़मेरJul 25, 2021 / 12:16 am

Dilip dave

आत्मा की आधारशिला सद्गुणों का सुवास

आत्मा की आधारशिला सद्गुणों का सुवास

बाड़मेर. साध्वी मृगावतीश्री आदि ठाणा 3 के आध्यात्मिक चातुर्मासिक प्रवचन के अन्तर्गत शनिवार को मंगलाचरण के साथ प्रवचन का आगाज हुआ।

मृगावतीश्री ने जिनकांतिसागरसूरि आराधना भवन में उपस्थिति जनसमुदाय को गुरू पूर्णिमा के पावन पर्व पर संबोधित करते हुए कहा कि देह की आधारशिला श्वास है, समाज की आधारशिला विश्वास है, वैसे ही आत्मा की आधारशिला सद्गुणों की सुवास है। सद्गुरु के बिना जीवन का विकास संभव नही है।
गुरु शिष्य का जीवन जो क्रोध, मान, माया, लोभ आदि पापों से आच्छादित है, उसका मन रूपी चन्द्र दर्शन दिखाई नही देता है। गुरु प्रकाश रूप है जो मन रूपी चन्द्रमा को प्रकट करते हैं और उसके कषाय भाव को दूर करते हैं।
साध्वी ने कहा कि जन्म और मृत्यु दु:खदायी है, इससे बचना है तो गुरु की शरण स्वीकार करनी होगी। ये चातुर्मास काल हमें यह प्रेरणा देता है कि हमें समता के भाव के साथ जीना है।
साध्वी नित्योदयाश्री ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस संसार के अन्दर मनुष्य जीवन जीते हुए अनेक प्रकार के उतार-चढ़ाव देखता है। अनेक प्रकार के संकल्प-विकल्पों से जुड़े रहकर वो झुलता रहता है। इस स्थिति के अन्दर वो एक पूर्ण गुरु की खोज करता है, वो पूर्ण गुरु सद्गुरु है।
सद्गुरु एक ऐसे पूल है जो प्रभु तक पहुंचाने वाला है।

खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति,बाड़मेर के भूरचंद तातेड़ व मीडिया प्रभारी चन्द्रप्रकाश छाजेड़ ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान रेशमाबेन व मिलन बैद ने भजनों की प्रस्तुति दी।

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