स्थित यह है कि टीके लगाने वालों की तादाद दिनोंदिन बढ़ रही है तो टीके की आवक कम हो रही है। इसके चलते कई जने तीन दिन से तो कई चार-पांच दिन से लाइनों में लग रहे, लेकिन वैक्सीन नहीं लग रही। जिले में कोरोना ने करीब तीन-साढ़े तीन माह तक कहर बरपाया। इस दौरान करीब १९ हजार लोग कोरोना की गिरफ्त में आए तो २४६ को जान गंवानी पड़ी। इस दौराना कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण को लेकर प्रचार-प्रसार हुआ तो जनजागरूकता आई।
थारवासियों ने भी जिंदगी का महत्व समझा और कोरोना टीकाकरण में रुचि ली, यहीं कारण है कि अब तक करीब दस लाख टीके लग चुके हैं और जिला प्रदेश के अव्वल दस जिलों में शामिल हो चुका है।
बावजूद इसके अभी भी जिले में टीकाकरण गति नहीं पकड़ रहा है, क्योंकि मांग के अनुरूप टीके मिल नहीं रहे। एेसे में लोग हर दिन कतार में लगते हैं और नम्बर नहीं आने पर बिना टीका लगाए ही कर चले जाते हैं। शहर में पिछले सप्ताह भर से यहीं स्थिति देखी जा रही है।
दो सौ की डोज और चार सौ की कतार- शहर में राय कॉलोनी, नगरपरिषद कार्यालय, माल गोदाम रोड, हाइस्कू ल रोड आदि में शनिवार को टीकाकरण होना था। राय कॉलोनी, माल गोदाम रोड, हाइ स्कू ल में दोपहर एक बजे तक लोग आ रहे थे, लेकिन यहां टीकाकरण नहीं हो रहा था जिस पर निराश होकर लौट रहे थे। वहीं, नगरपरिषद में टीकाकरण के दौरान लाइन लम्बी हो रही थी। सरकारी अस्पताल में भी लोग काफी आ रहे हैं, लेकिन टीके नहीं लग रहे।