scriptनए व पुराने नियमों के मकड़जाल में उलझी प्रदेश की शिक्षा | State's education entangled in the web of new and old rules | Patrika News
बाड़मेर

नए व पुराने नियमों के मकड़जाल में उलझी प्रदेश की शिक्षा

— माध्यमिक शिक्षा में गड़बड़ाया रिक्त पदों का ग्राफ, शिक्षण कार्य हो रहा प्रभावित
– वरिष्ठ अध्यापक व व्याख्याताओं की पदोन्नति नहीं होने से स्कूलों में नहीं मिल रहे विषय विशेषज्ञ

बाड़मेरNov 27, 2022 / 12:40 am

Dilip dave

br2711c40.jpg

 

दिलीप दवे

बाड़मेर. शिक्षा विभाग में बंपर तबादलों व स्कूल क्रमोन्नति के आदेशों के बीच पिछले दो सत्रों से वरिष्ठ अध्यापक व व्याख्याताओं की डीपीसी विभागीय प्रोन्नति समिति नहीं होने से रिक्त पदों का गणित बिगड़ गया है। इसके पीछे नए व पुराने नियम को लेकर उलझन है। स्थिति यह है कि राज्य स्कूलों में माध्यमिक शिक्षा के करीब एक लाख से अधिक पद रिक्त चल रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों के हाल ज्यादा खराब हैं।

यह भी पढ़ें

ऊंट की चाल पता ना घोडे़ के कदम और कह रहे खेलों शतरंंज

इसका खमियाजा बच्चों को उठाना पड़ रहा है। स्कूलों में कोर्स पूरा नहीं हुआ है। वहीं, दूसरी ओर आठ दिसंबर से अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू हो रही है। सवाल है कि बिना पढ़ाई बच्चे परीक्षाएं कैसे देंगे। ऐसे में शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।

यह भी पढ़ें

गिरफ्तारी के बाद भी चेहरे पर हंसी, हाथ हिला अ भिनंदन

यह है प्रावधान

शिक्षा विभाग में प्रति वर्ष रिक्त होने वाले पदों के 50 फीसदी पद सीधी भर्ती से व 50 फीसदी पद विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) से भरने का प्रावधान है। लेकिन माध्यमिक शिक्षा विभाग में पिछले दो सत्रों से वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता व अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक की पदोन्नति भी नहीं हो पाई है। वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता की दो सत्रों की बकाया पदोन्नति नहीं होने से पदरिक्तता की समस्या दिनोंदिन बढ़ रही है।यह है उलझन, इसलिए अटकी डीपीसी

पूर्व में व्याख्पाता पदोन्नति में नियम था कि स्नातकोत्तर में जिस विषय से उत्तीर्ण है, उसी के आधार पर डीपीसी से विषय का चयन होता था। इसके बाद सरकार ने 2019 में नियम बदला जिसमें स्नातक के तीन विषयों में से ही स्नातकोत्तर एक विषय से उत्तीर्ण होने पर डीपीसी से योग्य माना जाने लगा। इस पर शिक्षकों ने आपत्ति जताई। इसके चलते डीपीसी अटकी हुई है।विद्या संबल का भी सहारा नहीं

शिक्षा विभाग ने रिक्त पदों पर गेस्ट फैकल्टी लगाने की योजना तो शुरू की, लेकिन स्कूलों में गेस्ट फैकल्टी लगाने से पहले ही योजना स्थगित कर दी। विभाग 93 हजार पदों पर गेस्ट फैकल्टी लगाने की तैयारी में था। इन शिक्षकों के लगने के बाद स्कूलों में बच्चों को शिक्षक जरूर मिल जाते। लेकिन यह भी अब अधरझूल है।बकाया डीपीसी की जाए

रिक्त पदों पर शिक्षक लगाने चाहिए। विभाग की ओर से पिछले दो सत्रों की बकाया चल रही वरिष्ठ अध्यापक व व्याख्याताओं की पदोन्नति अतिशीघ्र करवाई जाए। 50 फीसदी पद डीपीसी से भरे जा सकें जिससे कि सीधी भर्ती प्रक्रिया होने तक पढ़ाई में कुछ राहत मिल सके।- बसन्त कुमार जाणी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा

 

माध्यमिक शिक्षा विभाग में पदों की स्थितिपदनाम, स्वीकृत कार्यरत रिक्त

प्रधानाचार्य 15376 8449 6927

उप प्रधानाचार्य 12421 2276 10145

व्याख्याता 53381 41119 12762

वरिष्ठ अ. 75199 58488 16711

अध्यापक 89207 72184 17203

शारी. शि. तृ.श्रे. 11052 10114 938

शारी. शि. द्वि.श्रे. 3508 2221 1297

लाइब्रेरियन 4290 2334 1956

चतुर्थ श्रेणी 25879 6651 19228

Hindi News / Barmer / नए व पुराने नियमों के मकड़जाल में उलझी प्रदेश की शिक्षा

ट्रेंडिंग वीडियो